नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली उच्च न्यायालय से एक और झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उनके खिलाफ ट्रायल की कार्यवाही को मंजूरी दी गई थी। इसके साथ ही, कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।
केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल की मंजूरी
दिल्ली की निचली अदालत ने पिछले हफ्ते केजरीवाल और अन्य नेताओं के खिलाफ शराब नीति घोटाले को लेकर ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया था। इस फैसले को चुनौती देते हुए अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने ट्रायल रोकने की मांग की थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया और ईडी से जवाब मांगा।
शराब नीति घोटाले में कई नेता आरोपी
यह मामला आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं के लिए काफी पेचीदा साबित हो रहा है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, और राज्यसभा सांसद संजय सिंह जैसे नेताओं को तिहाड़ जेल में रहकर जमानत पर रिहाई मिली थी। इसके अलावा, तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी और बीआरएस की नेता के. कविता पर भी आरोप लगे हैं, हालांकि उन्हें भी हाल ही में जमानत मिल चुकी है।
ईडी का आरोप, केजरीवाल थे घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता
ईडी ने अपने आरोप पत्र में अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले का ‘किंगपिन’ बताया है। एजेंसी का दावा है कि केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की अगुवाई में दिल्ली की नई शराब नीति बनाई गई, जो आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए करोड़ों रुपये का फर्जी लेन-देन करने का मौका बनी। ईडी का आरोप है कि इस नीति के जरिए जो धनराशि एकत्र की गई, उसका इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में भी किया गया था।
ईडी के आरोप के मुताबिक, इस घोटाले में राज्य की शराब नीति का फायदा उठाकर सिसोदिया और केजरीवाल ने कई आपराधिक लेन-देन किए, जिससे लाखों-करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई। इसके साथ ही, तेलंगाना की नेता के. कविता पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण भारत की शराब लॉबी को मैनेज करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग में सहयोग किया।
CBI और ED की जांच जारी
यह मामला फिलहाल ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियों की जांच के दायरे में है। शराब नीति घोटाले को लेकर दोनों एजेंसियों ने कई नेताओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए हैं। इसके अलावा, जिन-जिन नेताओं को जमानत मिली थी, उनकी जांच अब भी चल रही है। इस मामले को लेकर दिल्ली में राजनीति भी गर्म है, और आने वाले समय में इस पर और भी अपडेट आ सकते हैं।