कौन हैं विक्रमादित्य सिंह, जिनके इस्तीफे से हिली सुक्खू सरकार

लोकसभा चुनाव से पहले देशभर में राज्यसभा चुनाव को लेकर काफी चहलकदमी देखी गई. विधायकों की क्रॉस वोटिंग ने भी राजनीतिक गलियारों में हलचल बनाए रखी, लेकिन सबसे ज्यादा बवाल हिमाचल प्रदेश में देखने को मिल रहा है.

यहां हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को झटका देते हुए मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद एक प्रेस मीट में अपने इस फैसले की घोषणा की थी.हालांकि सीएम सुक्खू ने विक्रमादित्य का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. सीएम सुक्खू ने कहा है कि विक्रमादित्य का इस्तीफा स्वीकार करने की कोई वजह नहीं है.

शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं विक्रमादित्य

17 अक्टूबर 1989 को जन्मे विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं. वह दिवंगत पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. उनकी मां प्रतिभा सिंह हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से सांसद हैं और राज्य कांग्रेस प्रमुख भी हैं. विक्रमादित्य सिंह दो बार के विधायक हैं. पहली बार साल 2017 में उन्होंन चुनाव जीता और साल 2023 में फिर से विधायक बने.

इस्तीफा देने का कारण बताते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा, मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि मौजूदा परिस्थितियों में मेरे लिए सरकार का हिस्सा बने रहना सही नहीं है. इसलिए मैंने निर्णय लिया है कि मैं मंत्रिपरिषद और मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं.

हंस राज कॉलेज से की है पढ़ाई

विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंस राज कॉलेज से 2011 में ऑनर्स के साथ आर्ट्स में ग्रेजुएशन के बाद साल 2016 में सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से हिस्ट्री में मास्टर ऑफ आर्ट्स की पढ़ाई पूरी की. विक्रमादित्य के सक्रिय राज्य राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 2013 में हुई, जब वह एचपी कांग्रेस कमेटी से जुड़े. उन्हें 2013 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश राज्य युवा कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में चुना गया था.

साल 2017 में उन्होंने हिमाचल प्रदेश विधान सभा सदस्य के रूप में शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. साल 2022 में फिर से विधायक चुने गए. 8 जनवरी, 2023 को वह सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी, युवा सेवा और खेल, शहरी विकास मंत्री बने.

विरासत में मिली राजनीति

विक्रमादित्य सिंह स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. बुशहर राज्य के दिवंगत राजा सर पदम सिंह के बेटे वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को शिमला जिले के सराहन में हुआ था. उन्होंने अपने पूरे करियर में विभिन्न अहम राजनीतिक पदों पर काम किया, जिसमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और सांसद के रूप में कई कार्यकाल शामिल हैं. दिसंबर 2017 में उन्हें अर्की विधानसभा क्षेत्र से 13वीं विधानसभा (9वीं बार) के लिए चुना गया था.

विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस पार्टी के इनकार के बावजूद अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए. उन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन पर भी एक विद्रोही रुख दिखाया. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के मंत्री होने के बावजूद विक्रमादित्य सिंह को 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला के अभिषेक समारोह का निमंत्रण मिला था.

 

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