बारां, राजस्थान: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में राजस्थान के बारां में हिंदुओं के एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भिन्नता जैसे भाषा, जाति और प्रांत को भुलाकर सभी हिंदुओं को एकजुट होना चाहिए। उनके इस बयान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चेतावनी दी थी कि “अगर हम बंटेंगे, तो बांटने वाले महफिल सजाएंगे।”
भारत एक हिंदू राष्ट्र है
मोहन भागवत ने अपने भाषण में भारत को एक हिंदू राष्ट्र बताते हुए कहा, “हम प्राचीन समय से यहाँ रह रहे हैं। हिंदू नाम बाद में आया।” उन्होंने बताया कि भारत के सभी संप्रदायों को हिंदू कहा जाता था और यह एक ऐसा समाज होना चाहिए जिसमें एकता और सद्भावना का भाव हो। भागवत ने कहा कि समाज सिर्फ अपने परिवार से नहीं बनता, बल्कि सबके लिए चिंता करना जरूरी है।
समाज में सुधार की आवश्यकता
आरएसएस प्रमुख ने समाज में जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर कर उसे मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। भागवत ने स्वयंसेवकों से कहा कि उन्हें हर जगह संपर्क करना चाहिए और सद्भावना के साथ बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस का काम दुनिया में किसी भी अन्य काम से नहीं की जा सकती।
मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ संवाद
मोहन भागवत ने पहले भी हिंदुओं को एकजुट रहने की सलाह दी है और समाज में गड़बड़ियों के प्रति ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि भारत में अन्य धर्मों के लोग भी पहले हिंदू थे। इसके अलावा, भागवत ने कई मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ मुलाकात कर एकजुटता का संदेश दिया, जिसे कई मुस्लिम नेताओं ने भी समर्थन दिया है।
सख्त संदेश
इस दौरान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसभा में बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए कहा कि “अगर बंटोगे, तो कटोगे।” इससे यह साफ होता है कि भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेता एकजुटता की कितनी महत्वपूर्णता को समझते हैं और इसे बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं।