राजसत्ता एक्सप्रेस। 12 लाख का इनामी, घाटी में हिज्बुल का टॉप कमांडर, A++ कैटेगरी का आतंकी…रियाज नायकू मारा गया है। जम्मू कश्मीर में बुधवार को सुरक्षाबलों की मिली ये बहुत बड़ी कामयाबी है। पिछले कई सालों से सुरक्षाबलों को रियाज नायकू की तलाश थी। कई बार घेरा भी गया, लेकिन हर बार बचकर निकल जाता था। आखिरकार इस बार वो बच नहीं पाया और जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा के बेगपोरा में हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों के हत्थे चढ़ ही गया और मारा गया।
बताया जा रहा है कि रियाज नायकू एक घर के नीचे बने बंकर में छिपा हुआ था। इस जानकारी के बाद जेसीबी मशीन की मदद से सुरक्षाबलों ने बंकर को खोदा और रियाज नायकू को ढेर कर दिया। बुरहान वानी की तरह ही रियाज नायकू भी हिज्बुल का टॉप कमांडर था और घाटी के युवाओं के बीच काफी चर्चित भी था। जो यहां के युवाओं को आतंकी बनने के लिए प्रेरित करता था। जब पुलिसकर्मियों ने उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया था, तो इसने कई पुलिसकर्मियों को अगवा किया था और कइयों की हत्या भी कर दी थी।
मंगलवार को जब सुरक्षाबलों को ये इनपुट मिला कि रियाज नायकू अपनी मां से मिलने बेगपोरा आ रहा है, जो उसी का गांव है। दरअसल, उसकी मां की तबीयत खराब थी, उनका हालचाल लेने को यहां आया था। जब पता चला कि वो यहां आ चुका है, तो सुरक्षाबलों ने पूरे गांव को घेर लिया। जिस घर में रियाज नायकू छिपा था, वहां 2-3 अन्य आतंकी भी छिपे हुए थे। नायकू के साथ उन्हें भी सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। बुधवार को सुरक्षाबलों ने पूरे घर को ही उड़ा दिया, जिसमें नायकू छिपा था। बाद में इसकी पुष्टि हुई कि मरने वाला आतंकी रियाज नायकू है। ये ज्वाइंट ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना के सुरक्षाबलों द्वारा चलाया गया।
कैसे मारा गया रियाज नायकू?
जम्मू-कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने बताया कि आतंकी रियाज नायकू को कैसे मारा गया। उन्होंने बताया, ‘कल सुबह (मंगलवार) से ही रियाज नायकू के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चल रहा था, जो कि अब मार गिराया गया है। इसके साथ मौजूद अन्य साथी आतंकियों को भी मार गिराया गया है।’ उन्होंने बताया कि कई तरह के हमलों में रियाज नायकू का नाम शामिल रहा है। ये घाटी के युवाओं को आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए उकसाने का काम कहता था। रियाज नायकू की मौत के बाद घाटी में आतंकी संगठन में भर्ती होने वालों में कमी जरूर आएगी।
Elimination of top Hizbul Mujahideen Commander #RiyazNaikoo in a joint operation is a big success for J&K Police and Security Forces. He was responsible for kidnapping and killing of multiple policemen. Well done boys! #JaiHind 🇮🇳
— Shesh Paul Vaid (@spvaid) May 6, 2020
बुरहान वानी के बाद घाटी में आतंक की संभाली थी कमान
बता दें कि 8 जुलाई 2016 को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद रियाज नायकू हिज्बुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बना। उसने घाटी में आतंक की कमान संभाली। जिसके बाद वो घाटी में आतंक का पोस्टर बॉय बनकर उभरा, युवाओं को भड़काने का काम शुरू किया। वो सोशल मीडिया पर युवाओं को भड़काता था, उन्हें आतंकी संगठनों से जोड़ने के लिए गुमराह करता था।
आतंकी से पहले गणित का टीचर था नायकू
आतंकी संगठन ज्वाइन करने से पहले रियाज नायकू घाटी के एक निजी स्कूल में गणित का टीचर था। आतंकी बनने से पहले तक वो पेंटिंग का बहुत शौकीन था। बताया जाता है कि उसे गुलाब की तस्वीरें पेंट करने का शौक था। जानकारी के मुताबिक, साल 2017 में जब आतंकी जाकिर मूसा ने हिज्बुल से अलग होकर अंसार गजवत उल हिंद (Ansar Ghazwatul Hind) नाम का आतंकी संगठन बनाया, जिसने अल-कायदा के साथ मिलकर काम करना शुरू किया। तब रियाज नायकू (Riyaz Naikoo) ने हिज्बुल को टूटने से बचाया था। सुरक्षाबलों का कहना है कि घाटी में बड़ी आतंकी वारदातों में नायकू की अहम भूमिका रही है।
कौन था रियाज नायकू
- 32 साल का रियाज नायकू अवंतीपुरा के दुरबग इलाके में रहता था।
- वो घाटी में तीन साल से हिज्बुल मुजाहिद्दीन का कमांडर था।
- साल 2016 सुरक्षा बलों के राडार पर आया था।
- आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद सुरक्षाबलों के निशाने पर आया।
- नायकू पर 12 लाख का इनाम था।
- उसका नाम घाटी के टॉप 10 मोस्ट वांटेड आतंकियों में शुमार था।
- उसे A++ कैटेगरी के आतंकी की श्रेणी में रखा गया था।
साल 2010 की इस घटना ने बदल दी जिंदगी
सभी ये जानना चाहते हैं कि आखिर एक टीचर आतंकी कैसे बन गया। इसकी शुरुआत हुई साल 2010 में, जब घाटी में प्रदर्शन के दौरान 17 साल के अहमद मट्टो की आंसू गैस का गोला लगने से मौत हो गई थी। उस दौरान घाटी में खूब बवाल हुआ, पुलिस ने कई लड़कों को पकड़ा, जिसमें रियाज नायकू में शामिल था। उसे 2012 में छोड़ दिया गया, लेकिन तब तक उसकी जिंदगी बिल्कुल बदल चुकी थी। नायकू के पिता ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि 2012 की एक रात को उसने भोपाल यूनिवर्सिटी में आगे की पढ़ाई के एडमिशन के लिए 7 हजार पैसे लिए और उस रात के बाद वो कहीं नहीं दिखा। कई दिनों बाद पता चला कि उसका बेटा आतंकी बन गया है।
एक इंटरव्यू में उसके पिता ने बताया था कि नायकू इंजीनियर बनना चाहता था। वो मैथ में बहुत अच्छा था, उसे कंस्ट्रक्शन के काम में भी रुचि थी। पिता ने बताया कि 12वीं के उसके 600 में से 464 नंबर आए थे। वो स्थानीय स्कूल में मैथ पढ़ाने भी लगा था। नायकू के पिता उसे उसी दिन मरा मान चुके थे, जिस दिन उसने आतंक की राह पकड़ी और हिज्बुल में शामिल हुआ था।
घाटी में इंटरनेट सेवा बंद
एहतियात के तौर पर घाटी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। यहां तक की वॉयस कॉलिंग को भी बंद कर दिया गया, ताकि किसी तरह की कोई अफवाह न फैलाई जा सके। हालांकि, जैसे ही घाटी में नायकू के मारे जाने की सूचना फैली, जिस जगह वो मारा गया, वहां पत्थरबाजी शुरू हो गई। मुठभेड़ स्थल के आसपास के इलाके में पत्थरबाजी होने की सूचना मिली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय भी आतंकी नायकू के मारे जाने के बाद अवंतीपोरा सहित पूरे कश्मीर के हालात पर नजर बनाए हुए है। घाटी की स्थिति के बारे में पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का बताया कि हालात नियंत्रण में है और चिंता की कोई बात नहीं है।