पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे राज्य को हिला दिया है। इस घटना के विरोध में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी कार्यालय नबान्न तक मार्च किया, जिसमें हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं।
27 अगस्त को गिरफ्तार हुए सायन लाहिड़ी को पश्चिम बंगाल छात्र समाज के नेता के रूप में पहचाना जाता है। उन्हें उस दिन आयोजित रैली में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने रैली को अवैध बताते हुए दावा किया कि इसमें हिंसा और सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों को नुकसान हुआ। लाहिड़ी का कहना है कि वे रैली का आयोजन किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल के समर्थन के बिना कर रहे थे। इसके बावजूद, पुलिस ने इसे असामाजिक गतिविधि मानते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी के बाद कोलकाता में प्रदर्शन और भी तेज हो गए।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सायन लाहिड़ी को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कहा कि लाहिड़ी के पास कोई महत्वपूर्ण शक्ति या प्रभाव नहीं है और इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा करने का निर्णय लिया गया। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वे लाहिड़ी के खिलाफ बिना अनुमति के कोई कठोर कार्रवाई न करें।
सायन लाहिड़ी ने रवींद्र मुक्ता विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है और उन्होंने विभिन्न संस्थानों में काम किया है, जिनमें प्रणबानंद विद्या मंदिर में प्रिंसीपल और EFEDRA PHARMACUTICAL PVT.LTD में बिजनेस डिवेलपमेंट ऑफिसर शामिल हैं। उनके और उनकी पत्नी देवोलीना रॉय के रोमांटिक संबंध भी सोशल मीडिया पर चर्चा में रहे हैं।
लाहिड़ी की मां अंजलि ने उनकी जमानत याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। अदालत ने माना कि अगर आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना नहीं होती, तो पश्चिम बंगाल छात्र समाज का अस्तित्व ही नहीं होता। हालांकि, राज्य के वकील किशोर दत्ता ने कहा कि लाहिड़ी ने भड़काऊ भाषण दिए थे, जिससे प्रदर्शनकारियों को उकसाया गया था। फिर भी, अदालत ने लाहिड़ी को जमानत देने का आदेश दिया।