भारत सीमा सुरक्षा के लिए बनाएगा एंटी-ड्रोन यूनिट, गृहमंत्री अमित शाह का ऐलान

भारत ने सीमा सुरक्षा के लिए एक और बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। गृहमंत्री अमित शाह ने BSF (भारत सीमा सुरक्षा बल) के 60वें स्थापना दिवस के मौके पर जोधपुर में एक ऐतिहासिक घोषणा की। उन्होंने बताया कि देश जल्द ही एक ‘एंटी-ड्रोन यूनिट’ बनाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य ड्रोन के जरिए होने वाले संभावित खतरों से निपटना होगा। खासकर पाकिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में ड्रोन से होने वाली गतिविधियों को लेकर चिंता बढ़ी है, और गृहमंत्री ने इसे भविष्य में और बढ़ने वाला खतरा करार दिया है।

बीएसएफ की 60वीं वर्षगांठ पर गृहमंत्री की टिप्पणी

बीएसएफ के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने जवानों को संबोधित किया और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई अहम बिंदुओं पर बात की। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मानव रहित हवाई वाहन (ड्रोन) से होने वाले खतरों में काफी इजाफा होने वाला है, और इसी को देखते हुए भारत सरकार इस मामले में और कड़े कदम उठाने जा रही है। अमित शाह के मुताबिक, ‘हम एक व्यापक एंटी-ड्रोन यूनिट बनाने जा रहे हैं जो ड्रोन के खतरे को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने में सक्षम होगी।’

पंजाब में ड्रोन पर काबू पाने में सफलता

गृहमंत्री ने आगे कहा कि हाल के दिनों में ड्रोन रोधी उपायों में काफी सुधार हुआ है। खासकर पंजाब में ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से आने वाली तस्करी और आतंकवादियों की घुसपैठ को रोकने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि पंजाब में ड्रोन को पकड़ने और निष्क्रिय करने के मामलों में 3 प्रतिशत से 55 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है, जिससे सुरक्षा बलों का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। ड्रोन रोधी हथियारों के सफल परीक्षणों ने भारतीय सुरक्षा बलों को उम्मीद दी है कि आने वाले समय में ड्रोन के खतरों को और बेहतर तरीके से काबू किया जा सकेगा।

लेजर युक्त ड्रोन रोधी गन-माउंटेड सिस्टम

अमित शाह ने इस मौके पर एक और खास जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि BSF ने लेजर आधारित ड्रोन रोधी गन-माउंटेड सिस्टम का प्रयोग शुरू किया है, जो काफी सफल रहा है। इस तकनीकी प्रणाली की मदद से सीमा पर आने वाले ड्रोन को न केवल जल्दी पहचाना जा सकता है, बल्कि उन्हें निष्क्रिय भी किया जा सकता है। गृहमंत्री ने कहा कि इसके शुरुआती परिणाम उत्साहजनक रहे हैं, और यह आने वाले समय में ड्रोन से होने वाले खतरों को काफी हद तक कम कर सकता है।

सम्पूर्ण सरकारी दृष्टिकोण से ड्रोन की समस्या का समाधान

अमित शाह ने यह भी कहा कि ड्रोन की समस्या के समाधान के लिए सरकार एक ‘सम्पूर्ण सरकारी’ दृष्टिकोण अपनाने जा रही है। इसके तहत, रक्षा मंत्रालय, डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) और अन्य संबंधित एजेंसियां मिलकर काम करेंगी। गृहमंत्री ने यह भी कहा कि यह एक ‘जंग’ की तरह है, जिसमें सभी सुरक्षा एजेंसियों और सरकारी विभागों का एक साथ काम करना जरूरी है, ताकि ड्रोन से होने वाले खतरों का पूरी तरह से मुकाबला किया जा सके।

भारत-पाक सीमा पर बढ़ते खतरे के बीच एंटी-ड्रोन यूनिट की अहमियत

भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन का खतरा सालों से बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान से सीमा पार से ड्रोन के जरिए तस्करी, हथियारों की आपूर्ति, और आतंकवादी गतिविधियां फैलाने की कई घटनाएं सामने आई हैं। ऐसी स्थिति में एंटी-ड्रोन यूनिट का गठन एक रणनीतिक कदम साबित हो सकता है। यह कदम न केवल भारत की सीमा सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि भारत की तकनीकी क्षमता को भी एक नई दिशा देगा।

आगे की रणनीति और सुरक्षा के उपाय

गृहमंत्री अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले समय में इस दिशा में कई और तकनीकी विकास होंगे। उन्होंने कहा कि ड्रोन से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, और सुरक्षा बलों को उन पर काबू पाने के लिए नई ट्रेनिंग भी दी जाएगी। ड्रोन से निपटने के लिए भारत ने पहले ही कई उपायों पर काम करना शुरू कर दिया है, जिनमें ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम और जामिंग टेक्नोलॉजी शामिल हैं।

क्यों है ड्रोन का खतरा बढ़ता हुआ?

ड्रोन का खतरा बढ़ने की वजह उनकी सस्ते और आसानी से उपलब्ध होने वाली तकनीक है। पाकिस्तान से सीमा पार से ड्रोन के जरिए नशीले पदार्थों की तस्करी, विस्फोटक सामान भेजने, और आतंकवादियों को सीमा पार भेजने की घटनाएं सामने आई हैं। इसके अलावा, ड्रोन का इस्तेमाल सीमाओं के पास खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और किसी भी सैन्य कार्रवाई को अंजाम देने के लिए भी किया जा सकता है। ऐसे में भारत सरकार की योजना है कि इस खतरे से निपटने के लिए एक विशेष एंटी-ड्रोन यूनिट बनाई जाए, जो सिर्फ ड्रोन से संबंधित खतरों का मुकाबला करेगी।

नए सुरक्षा उपायों के साथ राष्ट्र की सुरक्षा में मजबूती

भारत सरकार के इस कदम से न केवल सीमा सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि आतंकवादियों और अन्य शत्रुओं के लिए भी सीमा पार से ड्रोन के माध्यम से हमला करना और खुफिया जानकारी हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। गृहमंत्री अमित शाह ने इस बारे में कहा कि भारत की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, और एंटी-ड्रोन यूनिट इसका अहम हिस्सा होगी।

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