कामयाबी को आदत बनाने वाली लड़की, पीवी सिंधु ने कैसे रचा इतिहास !

नई दिल्ली :इस वर्ष  जापान में आयोजित टोक्यो ओलंपिक-2020 में भारतीय महिला खिलाड़ी  स्टार शटलर पीवी सिंधु ने इतिहास रच दिया। वह न केवल बैडमिंटन में  इतिहास रचा ,बल्कि  भारत के लिए 2 पदक  जीतने वाली पहली शटलर खिलाड़ी बनीं, बल्कि इंडिविजुअल गेम में ऐसा करने वाली पहली महिला खिलाड़ी  भी बन गई हैं। इससे पहले उन्होंने रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। टोक्यो ओलंपिक में सेमीफाइनल में हार के बावजूद अपनी प्रतिभा की चमक को बनाए रखते हुए उन्होंने ब्रॉन्ज़ मैडल जीत लिया।

 बैडमिंटन एथलीट  पीवी सिंधु विश्व चैंपियनशिप से लेकर ओलंपिक तक निरंतर  देश  को गर्व करने के अवसर दे रहीं  हैं। उन्होंने कामयाबी को अपनी आदत बना डाली  है और अभी उनका सफर जारी है। सोचिये कि वह बैडमिंटन रैकेट कितना कीमती होगा जिससे पीवी सिंधु ने इतिहास रचा है । एकदम  ठीक  सोचा आपने वाकई वह रैकेट बेशकीमती है लेकिन देशहित मे एक बड़े उद्देश्य के लिये अब पीवी सिंधु का वह ऐतिहासिक रैकेट को कोई भी अपना बना सकता है।

 भारतीय एथलीट  पीवी सिंधु ने ओलंपिक में विजय पताका लहराने  के बाद वतन  लौट कर PM   मोदी को अपना रैकेट उपहार स्वरूप भेंट कर दिया। अब जबकि श्री मोदी  को मिले उपहारों का ई-ऑक्शन प्रारम्भ  हो चुका है। सिंधु का बैडमिंटन भी उन वस्तुओं की सूची में क्रमबद्ध  है जिनका ऑक्शन किया जा रहा है। यह ई-ऑक्शन  17 सितम्बर से 7 अक्टूबर तक चलेगा। सिंधु की उपलब्धि की निशानी को आप हासिल कर गर्व का अनुभव कर  सकते हैं।

बस www.pmmementos.gov.in पर लॉग ऑन कर ई-ऑक्शन में भाग  लें। इस ऑक्शन में  स्टार शटलर पीवी सिंधु के रैकेट का बेस प्राइज 80 लाख  रुपये रखा गया है।

इससे पूर्व  भी PM  को प्राप्त हुए ,  उपहारों की नीलामी होती रही है। अंतिम  बार वर्ष 2019 में ऐसा ऑक्शन हुआ था। पिछली बार नीलामी में सरकार ने 15 करोड़ 13 लाख रुपये प्राप्त  किए थे और प्रधानमंत्री  मोदी के मार्गदर्शन में वह पूरी राशि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने हेतु ‘नमामि गंगे कोष’ में जमा की गयी थी। इस बार भी ऑक्शन से मिलने वाली राशि ‘नमामि गंगे कोष’ को प्रदान की जाएगी।

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