हॉटस्पॉट के जरिए हैक हो सकता है आपका फोन, ऐसे रख सकते हैं सुरक्षित

मोबाइल डाटा की मदद से हॉटस्पॉट का इस्तेमाल करना सार्वजनिक वाइ-फाइ से कनेक्ट होने की तुलना में अधिक सुरक्षित है। आपको सार्वजनिक वाइ-फाइ का उपयोग करने से बचना चाहिए, जब तक कोई अन्य विकल्प न हो। सार्वजनिक नेटवर्क से साइबर हमले और जानकारियां चोरी होने का खतरा रहता है।

वाइ-फाइ प्रोटेक्टेड एक्सेस वायरलेस कनेक्टिविटी वाले सभी उपकरणों के लिए सुरक्षा मानक है। स्मार्टफोन पर हॉटस्पॉट सेट करते समय आपके पास कई विकल्प होंगे- डब्ल्यूपीए2- पर्सनल, डब्ल्यूपीए-2/डब्ल्यूपीए3-पर्सनल आदि। डब्ल्यूपीए3 सुरक्षित विकल्प है। यदि डिवाइस पर वह विकल्प नहीं है तो दूसरा विकल्प भी चुन सकते हैं। कभी भी ड्रॉप-डाउन मैन्यू में ओपन का चयन न करें। इससे कोई भी बिना पासवर्ड के आपके हॉटस्पॉट से कनेक्ट होने लगेगा।

वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) आपके और वल्र्ड वाइड वेब के बीच सुरक्षित कनेक्शन स्थापित करता है। यह डिवाइस से ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट करता है। आपकी जानकारी (यानी आइपी पता, स्थान, व्यक्तिगत डाटा) को दूसरों से छुपाता है। प्ले स्टोर से वीपीएन ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।

एसएसआईडी की तरह ही पासवर्ड स्वचालित रूप से स्मार्टफोन हॉटस्पॉट्स को सौंपे जाते हैं। इसके लिए ऐसा पासवर्ड बनाएं जिसे कोई क्रैक न कर सके और आप उसे भूल न सकें।

डेस्कटॉप उपकरणों की तुलना में स्मार्टफोन मैलवेयर का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए फोन में भरोसेमंद एंटीवायरस सूट होना जरूरी है। स्मार्टफोन हॉटस्पॉट सेट करने से पहले इसे अपडेट कर लें।

स्मार्टफोन हॉटस्पॉट सेट करते समय सबसे पहले सर्विस सेट आइडेंटिफायर यानी एसएसआइडी बदलना चाहिए। यह आपका नेटवर्क नाम है। स्मार्टफोन द्वारा स्वचालित रूप से असाइन कि ए गए नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि यह नाम अलग हो, जो आपके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे डिवाइस के प्रकार से संबंधित नहीं हो।

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