संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन नए संसद भवन महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन में पहुंचने के बाद इसका ऐलान करते हुए बताया कि इस बिल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम होगा। इसके बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में विधेयक पेश किया। बिल करते हुए कानून मंत्री में बोला- “नए संसद भवन से हम नई शुरुआत करेंगे और महिलाओं को उनका अधिकार दिया जाएगा। इस बिल से महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में ज्यादा प्रतिनिधित्व मिल सकेगा।” ऐसे में सवाल उठता है कि बिल में महिलाओं के लिए आरक्षण लागू कैसे किया जाएगा और उसमें किस वर्ग के लिए क्या प्रावधान हैं, आइये डिटेल में जानते हैं
कानून बनने के बाद क्या-क्या बदल जाएगा
1. बिल जैसे ही दोनों सदनों से पारित होगा उसके बाद लोकसभा में महिला सांसदों के लिए 33 फीसदी सीट आरक्षित हो जाएगी और निचले सदन में उनकी संख्या 181 हो जाएगी।
2.जनगणना के बाद परिसीमन होगा महिला। उसके बाद इसे लागू किया जाएगा और आरक्षण की अवधि 15 साल की होगी।
3. SC/ST वर्ग के लिए तय सीटों में 33 फीसदी यानी एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगी।
OBC के लिए कोई प्रावधान नहीं
बता दें कि यह आरक्षण रोटेशनल आधार पर दिया जाएगा। विधेयक में SC/ST वर्ग के लिए तो तय सीटों में से एक तिहाई सीटों पर आरक्षण का प्रावधान किया गया है लेकिन ओबीसी वर्ग के लिए अलग से कोई आरक्षण का प्रावधान नहीं रखा गया है। जबकि देश में OBC वर्ग की तादाद अच्छी खासी है ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि RJD, JDU और समाजवादी पार्टी जैसे दलों क्या इस बिल का विरोध करेंगे। ये सारे दल ओबीसी वर्ग की राजनीति करने में माहिर हैं और उन्हीं के सपोर्ट से सरकार भी बना चुके हैं।