नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। चाइनीज रैपिड टेस्टिंग किट्स से कोनोना टेस्ट होगा या नहीं…इसका फैसला आज हो जाएगा। इसको लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर की रिपोर्ट आज आने वाली है। ICMR ने ही कोरोना टेस्ट के लिए राज्यों को रैपिड टेस्ट किट्स मुहैया कराई थीं, लेकिन इसके टेस्ट रिजल्ट पर सवाल उठने के बाद इसपर दो दिनों के लिए रोक लगा दी गई थी। सबसे पहले राजस्थान सरकार ने रैपिड टेस्ट किट्स पर सवाल उठाए। उसका कहना था कि जब इस किट से टेस्ट शुरू हुए, तो रिपोर्ट में गड़बड़ और शंकाएं पैदा करने वाले रिजल्ट आए। इसके अलावा कई दूसरों राज्यों ने भी ऐसी शिकायतें की, जिसके बाद आईसीएमआर ने भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। अब ऐसे में सभी का इस बात का इंतजार है कि आईसीएमआर चाइनीज रैपिड टेस्टिंग किट के इस्तेमाल पर रोक लगाई या फिर इनसे कोरोना टेस्टिंग जारी रखी जाएगी। हालांकि, ऐसी संभावनाएं कम ही जताई जा रही हैं कि रैपिड टेस्टिंग किट्स से जांच जारी रखी जाए, क्योंकि कई राज्यों में ये किट फेल साबित हुई है।
जानें रैपिड टेस्टिंग किट्स से जुड़ा पूरा मामला
भारत ने कोरोना के संक्रमण को रोकने और उसकी जांच के लिए चीन के रैपिड टेस्टिंग किट्स का इस्तेमाल किया, लेकिन राजस्थान समेत कई राज्यों ने इसे टेस्ट रिजल्ट पर शंका जताई। राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों की रिपोर्ट भी इस टेस्ट किट ने नेगेटिव दिखाई, जिसके बाद रैपिड टेस्टिंग किट्स पर सवाल उठने शुरू हो गए।
राजस्थान सरकार ने सबसे पहले उठाए सवाल
राजस्थान देश का पहला राज्य था, जहां पर कोरोना वायरस के बारे में पता लगाने के लिए रैपिड टेस्ट किट का इस्तेमाल शुरू किया गया था। कोरोना के खतरे के चलते रामगंज राजस्थान का वुहान बन गया था, पहले दिन यहां 59 संक्रमितों के टेस्ट हुए और सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई। इससे डॉक्टरों का किट को लेकर शक बढ़ा। फिर जयपुर के सवाई मानसिंह में भर्ती कोरोना के 100 से ज्यादा मरीजों का टेस्ट किया गया, जिनमें केवल पांच की ही रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जबकि सभी मरीज कोरोना पॉजिटिव थे। ये सब देखने के बाद राजस्थान सरकार ने भी रैपिड टेस्टिंग किट्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी।
पंजाब और हरियाणा ने भी किट्स पर जताया शक
राजस्थान सरकार का कहना है कि आईसीएमआर ने किट्स पर 90 फीसदी भरोसा जताया था, लेकिन इसकी शुद्धता केवल 5.4 फीसदी निकली, इसीलिए केंद्र से मंगवाई गई 10 हजार किट्स वापस लौटा दी गईं। पंजाब और हरियाणा में भी यही देखने को मिला। जब आईसीएमआर को भी चीनी किट्स पर संदेह हुआ, तो दो दिन के लिए इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई, ताकि बारीकी से छानबीन की जा सकें। इन दो दिन का बैन आज खत्म हो रहा है।