ICMR की स्टडी में खुलासा, कोरोना वैक्सीन से युवाओं में अचानक मौत का खतरा कम हुआ

ICMR की स्टडी में खुलासा, कोरोना वैक्सीन से युवाओं में अचानक मौत का खतरा कम हुआ

कोरोना को मात देने के लिए देशभर में चलाई गई वैक्सीनेशन को लेकर पहले कई सवाल उठे हैं. कई बार वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और मेडिकल फील्ड से जुड़े लोगों ने ये कहा कि वैक्सीनेशन पूरी तरह सुरक्षित है. अब एक बार फिर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अपनी एक स्टडी का हवाला देते हुए बताया है कि कोरोना वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसके इस्तेमाल से देश के युवाओं की अचानक होने वाली मौतों का खतरा भी कम हुआ है.

ICMR ने कहा कि स्टडी में पाया गया है कि अगर किसी युवा ने कोरोना की कम से कम एक डोज भी ले ली है, तो अचानक होने वाली मौत का खतरा कम हो जाता है. IMCR ने 1 अक्टूबर, 2021 से लेकर 31 मार्च, 2023 तक ये स्टडी की है. स्टडी में देशभर के 45 से अधिक अस्पतालों को शामिल किया गया.

IMCR के मुताबिक, स्टडी में 18 से 45 साल की उम्र के लोगों को शामिल किया था. बताया गया कि स्टडी में शामिल कोई भी शख्स किसी भी बीमारी से नहीं जूझ रहा था और इसमें उन लोगों को शामिल किया गया था, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की डोज ली थी. स्टडी के आखिर में निष्कर्ष निकाला गया कि जिन्होंने वैक्सीन की दो डोज ली, उनमें अचानक होने वाली मौत का खतरा बेहद कम था.

बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पहले IMCR स्टडी के निष्कर्षों का हवाला दिया था, विशेष रूप से उन लोगों को अत्यधिक परिश्रम के प्रति आगाह किया था, जिनका अतीत में गंभीर कोरोना संक्रमण का इतिहास रहा है. उनकी सलाह गुजरात में नवरात्रि उत्सव के दौरान हुई मौतों की श्रृंखला के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में आई थी.

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