वर्तमान समय में किसी को कुछ भी खरीददारी करनी हो तो लोग ऑनलाइन पेमेंट ही करना बेहतर समझ रहे हैं. उसके पीछे कारण ये है कि ऑनलाइन के तहत UPI पेमेंट इतना आसान हो गया है कि लोग बिना संकोच के पैसे का ट्रांजेक्शन कर देते हैं.
इसी वजह से ऐसी स्थिति है कि बड़ी-बड़ी दुकानों के अलावा रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदार भी UPI से पेमेंट लेने में नहीं हिचक रहे हैं. जबकि सभी यूजर भी हर छोटे-बड़े काम में ऑनलाइन UPI से पेमेंट कर रहे हैं.
UPI पेमेंट को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है. हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने एक बयान में कहा था वर्तमान समय में डिजिटल ट्रांजेक्शन खूब हो रहा है. जिसमें से 80 फीसदी ट्रांजेक्शन UPI के तहत हो रहे हैं तो वहीं बाकि अलग-अलग माध्यमों से हो रहा है. जबकि इसी बीच ये चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आ रही है कि अगर वर्तमान समय में UPI से हो रहे ट्रांजेक्शन पर फीस लगा दी जाए तो 70 फीसदी यूजर ट्रांजेक्शन करना छोड़ देंगे.
UPI पेमेंट को लेकर कई बार ट्रांजेक्शन फीस की बात हो चुकी है. लेकिन अभी तक इस पर कोई नियम नहीं बनाया गया है. यूपीआई फीस को लेकर पेमेंट सर्विस देने वाली पेटीएम, गूगल पे, फोनपे जैसी फिनटेक कंपनियां चाहती हैं कि UPI पेमेंट पर फीस लगे. लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने अभी कोई आदेश नहीं किया है.