बाइक साइलेंसर मॉडिफाइड करवाया तो भरना पड़ेगा मोटा चालान, रद्द हो सकता है लाइसेंस

गाजियाबाद: गाजियाबाद में अगर अब आप अपनी बाइक का साइलेंसर मॉडिफाइड करवा रहें हैं और उससे पटाखा जैसी आवाज निकल रही हो तो हो जाइए सावधान. गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने ऐसी बाइकों के खिलाफ जोरदार धरपकड़ का अभियान चलाया है. अब अगर आप पटाखा साइलेंसर बाइक (Modified Bike) चलाते पकड़े गए तो ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) काट सकती है आपका भारी भरकम चालान और साथ ही रद्द कर सकती है आपका ड्राइविंग लाइसेंस. इसके अलावा आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. मंगलवार को गाजियाबाद पुलिस ने ऐसे कई अभियान चलाए जिसमें सिर्फ ऐसी ही बाइकों को निशाने पर लिया गया. 

राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में मंगलवार से ट्रैफिक पुलिस ने मॉडिफाइड साइलेंसर वाली बाइक्स को लेकर अभियान छेड़ रखा है. आरटीओ (RTO) ने बाइक एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अगर किसी भी एजेंसी ने बाइक को मॉडिफाइड करके बेचा तो उनके खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि अगर कोई भी व्यक्ति गाजियाबाद में इस तरह की बाइक चलाते हुए पकड़ा गया तो पहली बार में ही उसे 10 हजार रुपयों का जुर्माना और तीन महीने की सजा भी हो सकती है. इसके अलावा अगर वो व्यक्ति दूसरी बार ऐसी बाइक चलाते हुए ट्रैफिक पुलिस के हत्थे चढ़ा तो ऐसे लोगों का लाइसेंस भी निरस्त कर सकती है जबकि दूसरी बार पकड़े जाने पर 6 महीने की जेल या फिर से 10 हजार रुपये का जुर्माना किया जाएगा.

आपको बता दें कि बाइक के साइलेंसर से निकलने वाली ऐसी तेज आवाजों की वजह से सड़क पर चलने वाले और वाहन प्रभावित होते हैं जबकि छोटे बच्चों और दिल के मरीजों को इस बाइक की आवाज से ज्यादा दिक्कत होती है. डॉक्टरों ने बताया कि ऐसी शोर करने वाली बाइकों की आवाज दिल के मरीजों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है. डॉक्टर्स ने बताया कि बीमार, बुजुर्ग और छोटे बच्चों को इससे बहुत परेशानी होती है जिसकी वजह से ट्रैफिक पुलिस ने ऐसी बाइकों पर शिकंजा कसने का अभियान चलाया है.

जब गाजियाबाद के आरटीओ से इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि, बाइक एजेंसियों और ट्रैफिक पुलिस के बीच मीटिंग में फैसला लिया गया कि सड़क पर तेज आवाज में चल रही गाड़ियों पर अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी. गाजियाबाद एआरटीओ विश्वजीत प्रताप सिंह के ने मीडिया को बताया कि, हाईकोर्ट ने जनहित से जुड़े इस मामले में सुओ मोटो लेते हुए आदेश जारी किया है कि मॉडिफाइड साइलेंसर वाली गाड़ियां ध्वनि प्रदूषण करती हैं और इस पर सख्त कार्रवाई की जाए. मॉडिफाइड गाड़ियों से 80 डेसिबल से अधिक ध्वनि निकलती है जो मानक के विपरीत है और ये हमारे कानों के पर्दों के लिए हानिकारक हैं.

गाजियाबाद पुलिस ने सिर्फ मॉडिफाइड साइलेंसर वाली बाइकों पर ही जुर्माना नहीं लगाया है बल्कि गाजियाबाद पुलिस प्रशासन और आरटीओ ने इस तरह से बाइकों को मॉडिफाइड करने वाले दुकानदारों पर भी कार्रवाई करने का ऐलान किया है. जिसके बाद गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ऐसी दुकानों को चिन्हित करने में लगी है, जो गाड़ियों में मॉडिफाइड साइलेंसर लगने का काम करते है. आरटीओ को अगर कोई दुकान इस तरह का काम करते पाया गया तो उसको सील कर दिया जाएगा.



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