पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिकी सांसदों को संबोधित करते हुए मंगलवार को बड़ा खुलासा किया है। पाक पीएम पाक में आतंकी संगठनों की मौजूदगी स्वीकार कर ली है उनकी सरजमीं पर 40 आतंकी समूह सक्रिय थे। इमरान खान ने कैप्टन हिल में अमेरिकी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम आतंक के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई लड़ रहे हैं। पाकिस्तान का 9/11 से कोई लेना-देना नहीं था।’लेकिन अपने इसी दावे के साथ उन्होंने एक विवादित बयान भी दिया। पुलवामा आतंकी हमले के बारे में इमरान खान ने कहा कि ये एक ऐसा मामला था जिसे स्थानीय आतंकियों ने अंजाम दिया था। उन्होंने यह भी बताया कि, जैश-ए-मोहम्मद ना सिर्फ पाकिस्तान में, बल्कि कश्मीर में भी मौजूद है और वहां से काम को अंजाम देता है।
इमरान खान के बयान से यह साफ दिख रहा है वह इस बात को स्वीकार रहे हैं कि पुलवामा आतंकी हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद ही था, जिसका आका मौलाना मसूद अजहर है।
हालांकि, इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान खुद की जमीन पर जैश-ए-मोहम्मद की मौजूदगी को नकारता आया है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी उसकी सिफारिश पर चीन ने मसूद अजहर को विश्व आतंकी घोषित किए जाने पर विरोध जताया था।
बतादें कि इसी साल 14 फरवरी को आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के संगठन ने पुलवामा में आतंकी हमला किया था जिसमें CRPF के 14 जवान शहीद हुए थे।
पुलवामा हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था, इस बात के सबूत भारत ने पाकिस्तान को सौंपे भी थे। इतना ही नहीं जिन आतंकी अड्डों से इस हमले की साजिश रची गई थी, वहां बालाकोट में भारतीय वायुसेना ने एयरस्ट्राइक की थी और उन ठिकानों को नष्ट कर दिया था।
सिर्फ पुलवामा ही नहीं बल्कि न्यूयॉर्क में हुए 9/11 आतंकी हमले क भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि उस हमले का पाकिस्तान से कोई लेना देना नहीं है।
इमरान खान ने एक इंटरव्यू में ये सब दावा किया है। अमेरिका दौरे पर गए हुए इमरान खान ने वहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की और कश्मीर का भी मुद्दा उठाया। तभी से वह निशाने पर हैं। इसी इंटरव्यू में उन्होंने पाकिस्तान में 40 आतंकी संगठन के काम करने की भी बात कबूली है। इमरान ने दावा किया कि पाकिस्तान की पिछली सरकारों ने अमेरिका को आतंकी संगठनों के बारे में सच नहीं बताया।
अगर कश्मीर मुद्दे की बात करें तो इमरान खान ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी और परवेज मुशर्रफ सत्ता में थे तो वह इस मुद्दे के सुलझाने के बिल्कुल करीब थे। लेकिन दुर्भाग्यवश ये पूरा नहीं हो पाया था। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के सामने जब इमरान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया तो ट्रंप ने इस विषय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया जिसपर बवाल हो गया।
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर मध्यस्थता कराने की बात कही थी, हालांकि भारत की तरफ से ट्रंप के इस दावे को झूठा करार दिया जा चुका है।