पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को दावा किया कि पिछले दो साल से सरकार ने मीडिया को चुप रहने के लिए बाध्य कर दिया और असहमति जताने वाले पत्रकारों को दमन का सामना करना पड़ा है। कई मामलों में आरोपी खान को 10 महीने पहले गिरफ्तार किए जाने के बाद से रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में रखा गया है। उन्हें कुछ मामलों में दोषी भी ठहराया गया है।
‘पत्रकारों को निशाना बनाया गया’
इमरान खान (71) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “पाकिस्तान में मीडिया हमेशा राज्य के नियंत्रण में रहा है, वहीं पत्रकारों को उनके आलोचनात्मक नजरिए के लिए निशाना बनाया गया है। पाकिस्तान में पिछले दो साल में मीडिया को चुप रहने के लिए बाध्य किया गया है और असहमति जताने वाले पत्रकारों को दमन का सामना करना पड़ा है।”
‘स्वतंत्र मीडिया महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है’
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संस्थापक इमरान ने कहा कि स्वतंत्र मीडिया राज्य के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है और यह एक निगरानीकर्ता के रूप में कार्य करता है तथा सरकार को अपना काम सही तरीके से करने के लिए मजबूर करता है। उन्होंने कहा, “मेरी सरकार ने पत्रकारों और मीडिया सुरक्षा के लिए कानून लाकर इस माहौल को बदलने की कोशिश की, लेकिन उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद इसे खारिज कर दिया गया।”
Independent media is one of the most important pillars of the state. It acts as a watchdog and compels the government to correct its course.
In Pakistan the media has always been vulnerable to control by the state while journalists have been targeted for their critical…— Imran Khan (@ImranKhanPTI) June 11, 2024
प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध
इमरान का यह बयान ऐसे समय आया है जब खान के प्रतिद्वंद्वी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने हाल ही में ‘पंजाब मानहानि अधिनियम 2024’ पेश किया है। यह मानहानि से जुड़ा विवादास्पद कानून है और फर्जी खबरों के नाम पर प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाता है।