ब्रिटेन की राजनीति में आया भूचाल अब थोड़ा शांत हो गया है. ब्रेक्जिट डील पर थेरेसा को संसद में मिली हार के बाद दूसरी बड़ी चुनौती का सामना करना था जो थी अविश्वास प्रस्ताव. बुधवार को थेरेसा मे के खिलाफ विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया लेकिन इसके लिए हुई वोटिंग में थेरेसा को जीत मिली.
बीबीसी न्यूज के मुताबिक जहां ब्रेक्जिट डील को लेकर अपनों ने ही थेरेसा की कश्ती डूबो दी थी वहीं अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 306 वोट गिरे तो वहीं 325 सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट डाले. थेरेसा मे की सरकार अब सुरक्षित है और उनकी सरकार गिरने का खतरा अब टल चुका है लेकिन ब्रेग्जिट डील को लेकर थेरेसा के प्रस्ताव का अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है.
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गौरतलब है कि मंगलवार को ब्रेक्जिट डील को लेकर संसद में वोटिंग हुई थी जिसमें थेरेसा के 118 सांसद उनके खिलाफ थे. संसद में इस डील के पक्ष में 202 वोट पड़े तो वहीं 432 सांसदों ने इस समझौते का नकार दिया था. विपक्षी दल ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा कर दी थी. भारतीय समयानुसार बुधवार रात को संसद में फिर से वोटिंग हुई जिसमें थेरेसा ने विश्वास मत हासिल कर लिया.
क्या है ब्रेक्जिट डील?
आसान शब्दों में समझे तो ब्रेक्जिट डील यूरोपीयन यूनियन से अलग होने का समझौता है. गौरतलब है कि ब्रिटेन ने 1973 में यूरोपीय संघ की सदस्यता हासिल की थी और संघ का 28वां सदस्य बना था. ब्रिटेन को इस साल 29 मार्च को इस संघ से अलग होना था, इसी को लेकर थेरेसा ने संसद में प्रस्ताव पेश किया था.
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फिलहाल देखना होगा कि ब्रेग्जिट डील पर अब क्या समाधान निकलता है. नियमानुसार थेरेसा के पास 3 वर्किंग डेज़ हैं जिनमें ब्रेग्जिट डील पर थेरेसा को ऐसा प्रस्ताव लाना होगा जिसपर संसद सहमत हो सके.