नई दिल्ली: रेल मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल ने कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा पर पलटवार करते हुए कहा कि वह दल बदलने के साथ ही परिवार की चापलूसी करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को पद नहीं मिलने की इतनी नाराजगी हो गई है कि वह इस तरह के बयान दे रहे हैं।
भाजपा छोड़ शनिवार को कांग्रेस में शामिल होने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भाजपा अब वन मैन शो और टू मैन आर्मी बन कर रह गई है। वहां वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं किया जा रहा। सिन्हा ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए भाजपा छोड़ने का कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि 2014 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। साथ ही डॉ मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी, जसवंत सिंह और यशवंत सिन्हा सरीखे कई काबिल नेताओं को सरकार में शामिल नहीं किया गया।शत्रुघ्न ने आरोप लगाया कि आज भाजपा में काबिल नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया, जिसकी आज तक एक भी बैठक नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि लालकृष्ण आडवाणी के करीबी होने की वजह से उनको भाजपा में नजरअंदाज किया गया।
गोयल ने सिन्हा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी है। उन्होंने गांधी परिवार की ओर इशारा करते हुए कहा कि भाजपा से जाने के बाद अब शत्रुघ्न सिन्हा एक परिवार की चापलूसी में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को पद नहीं मिलने की इतनी नाराजगी हो गई कि वह इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह उनका दुर्भाग्य है कि उनके दिल में कुछ और है, जबकि मुंह पर कुछ और ही बात है।
इससे पूर्व गोयल ने कांग्रेस के घोषणापत्र की आलोचना करते हुए कहा कि झूठे वादे और झूठी बातें करके देश की जनता को अब गुमराह नहीं किया जा सकता। देश की जनता समझदार है और वह कांग्रेस के झूठे वादों को नकारती है। उन्होंने कहा कि 2004 और 2009 में अपने घोषणापत्र में बड़े-बड़े वादे किए।
2004 और 2009 में किसानों को डॉयरेक्ट बेनिफिट(डीबीटी) पहुंचाने की बात की और 10 वर्ष सरकार चलाने के बाद भी कुछ नहीं किया। जबकि मोदी सरकार ने 6000 रुपये वार्षिक किसानों को देने का निर्णय लिया और उसकी शुरुआत भी कर दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वन रैंक, वन पेंशन देने का वादा भी कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में किया, इसके लिए भी उन्होंने कुछ नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के सत्ता में आने के बाद वन रैंक, वन पेंशन को लागू किया गया।