राजीव गांधी के नाम पर भावनात्मक लाभ उठाने की फिराक में कांग्रेस

नई दिल्ली: कांग्रेस छठे और अंतिम चरण के चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम पर भावनात्मक लाभ उठाने की फिराक में है। पार्टी ने इसे राजीव गांधी के अपमान के रूप में पेश करना शुरू कर दिया है। दरअसल ये दोनों चरण (59-59 सीट) कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। मध्य प्रदेश की 16, पंजाब की 13, हरियाणा की 10, दिल्ली की 7, हिमाचल की 4, यूपी की 14, पश्चिम बंगाल की 17, बिहार की 16, चंडीगढ़ की एक सीट पर चुनाव होना है। इन 118 सीटों में बिहार और झारखंड छोड़ दिया जाए तो कांग्रेस का भाजपा से सीधा मुकाबला है।

कांग्रेस पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों से मुकाबला कर रही है लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजीव गांधी के बारे में प्रधानमंत्री की टिप्पणी की तीखे शब्दों में आलोचना की है। जिन राज्यों में चुनाव रह गया है, वहां राज्य इकाईयों और उम्मीदवारों को कहा गया है कि अपने नेता राजीव गांधी के अपमान का प्रधानमंत्री मोदी से बदला लेना है। सभाओं में यह बात जोर देकर कहने के लिए कही गई है कि बोफोर्स में उनके नेता को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई थी, फिर भी प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद के लिए शहीद हुए पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान कर रहे हैं।

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16 मई तक प्रवक्ता चुनाव वाले राज्यों में जो प्रेस कांफ्रेंस करेंगे उनमें भी राजीव गांधी पर फोकस रहेगा। राजीव गांधी के नाम पर भावनात्मक माहौल बनाना है, इसीलिए कांग्रेस ने इस मामले में चुनाव आयोग जाकर प्रधानमंत्री की शिकायत की है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने झारखंड की सभा में कांग्रेस को राजीव गांधी के नाम पर चुनाव लड़ने की चुनौती दी है, अब उन्हें इसका असर पता चलेगा। उन्होंने कहा कि राहुल-प्रियंका समेत विपक्ष के अन्य नेताओं की नसीहत के बावजूद प्रधानमंत्री अनर्गल बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं, इसलिए कांग्रेस राजीव के नाम पर चुनाव में जाने के लिए विवश हुई है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश में राजीव गांधी का बड़ा सम्मान है और लोग उनकी दूरदृष्टि और देश को आधुनिक बनाने के लिए किए गए प्रयासों को आज भी याद करते हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं मोतीलाल वोरा,अहमद पटेल, गुलामनबी आजाद, कैप्टन अमरिंदर सिंह, कमलनाथ की राहुल-प्रियंका को यही सलाह थी कि राजीव गांधी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को अच्छे से जवाब दिया जाना जरूरी है।

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