भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के दूसरे मून मिशन को लॉन्च व्हीकल में आई तकनीकी ख़ामी के कारणों से रोक दिया गया। 15 जुलाई की सुबह सोमवार को 2.51 बजे श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण होना था और इसकी तैयारी भी पूरी थी। लॉन्च से 56.24 मिनट पहले चंद्रयान-2 का काउंटडाउन रोक दिया गया।
इसरो के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जिस समय काउंटडाउन रोका गया, उसे देखते हुए अनुमान लगया जा रहा है कि, क्रायोजेनिक इंजन और चंद्रयान-2 को जोड़ने वाले लॉन्च व्हीकल में लॉन्च के लिए सही दबाव नहीं बन पाया। इसलिए लॉन्च को टाल दिया गया। लॉन्च रोकने के बाद इसरो वैज्ञानिक ये पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि लॉन्च से पहले ये तकनीकी खामी कहां से आई। इसरो के वैज्ञानिक पूरा प्रयास कर रहे हैं कि चार दिनों के अंदर चंद्रयान-2 को लॉन्च कर दिया जाए।
सूत्रों के अनुसार चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग अगर गुरुवार तक नहीं हो पाई तो इसे अगले 3 महीनों के लिए टाल दिया जाएगा। इसरो को अगला लॉन्च विंडो अक्तूबर में मिलने की संभावना है।
लॉन्च विंडो का फैसला इसरो के त्रिवेंद्रम स्थित स्पेस फिजिक्स लैब करेगा। लॉन्च विंडो उस उपयुक्त समय को कहा जाता है जब पृथ्वी से चांद की दूरी कम होती है और राकेट की दूसरे उपग्रहों से टकराने की संभावना बहुत कम होती है। अगला लॉन्च विंडो 10 अक्टूबर से 26 अक्टूबर के बीच हो सकता है। अगर 15 जुलाई को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग सफल रहती तो उसे करीब 3.84 लाख किमी की यात्रा करनी पड़ेगी क्योंकि इस समय पृथ्वी से चांद की दूरी औसत 3.61 लाख किमी होती है। अड़ती. यानी करीब 23 हजार किमी ज्यादा दूरी तय करनी होती है।