8 ऐसे मंदिर जहां सिर्फ महिलाएं कर सकती हैं प्रवेश, पुरुषों के जाने पर है रोक

भारत में कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां पुरुषों के प्रवेश पर रोक है. लेकिन महिलाएं बिना किसी रोक-टोक के मंदिर परिसर में जा सकती हैं. खास बात तो ये है की इनमें से कुछ मंदिरों में महिलाओं की पूजा भी की जाती है.

किन-किन मंदिरों में पुरुषों के जाने पर है रोक

  1. केरल का अट्टुकल मंदिर

केरल में महिलाओं ने धूमधाम से मनाया अट्टुकल पोंगल |

केरल के अट्टुकल मंदिर में पुरुषों के जाने पर पूरी तरह से रोक है. 2016 में पोंगल के त्योहार के दौरान इस मंदिर में तकरीबन 4.5 करोड़ महिलाओं ने प्रवेश किया जिस कारण से इस मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड के रिकॉर्ड में दर्ज हुआ. बता दें कि इस मंदिर में नवरात्रों के दौरान भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है.

  1. कन्या कुमारी का मां भगवती मंदिर

 

कुमारी अम्मन मंदिर या कन्याकुमारी मंदिर – Kumari Amman Kanyakumari Temple In Hindi - Holidayrider.Comतमिलनाडु के कन्याकुमारी में स्थित मां भगवती के मंदिर में भी पुरुषों के जाने पर रोक है. और इस मंदिर में देवी को एक कन्या के रूप में पूजा जाता है. मंदिर में पुरुषों के जाने पर मनाही है लेकिन साधु-संत मंदिर के प्रशासन की अनुमति लेकर प्रवेश कर सकते हैं. ऐसी मान्यता है की मां पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी.

  1. नासिक का त्रिंबकेश्वर मंदिर

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीआईएल याचिकाकर्ता से पूछा कि नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में 200 रुपये वीआईपी एंट्री फीस कैसे अवैध है | bombay high court ...

महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्रिंबकेश्वर मंदिर, जहां पहले महिलाओं के प्रवेश को लेकर रोक थी लेकिन जब मामला हाई कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन इस फैसले के बाद से मंदिर में पुरुषों के प्रवेश पर रोक लग गई.

  1. असम का कामाख्या मंदिर

Kamakhya Devi Temple : असम जाने का प्लान है तो जरूर करें कामाख्या देवी के दर्शन, जानें इस मंदिर का इतिहास | Kamakhya Devi Temple shaktipeeth in assam guwahati know history ambubachi

असम में कामरूप का कामाख्या मंदिर है. इस मंदिर में महिलाएं केवल माहवारी चक्र के दौरान ही मंदिर के परिसर में प्रवेश में कर सकती हैं. मंदिर में केवल महिला पुजारी या संन्यासी मंदिर की सेवा करती हैं, जहां मां सती के महावारी के कपड़ो को प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है. ऐसी मान्यता है की भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र के साथ मां सती को काट दिया था. जिसके कारण उनकी कमर उस स्थान पर गिर गई थी, जहां पर मंदिर बनाया गया था. बता दें कि ये दुनिया का पहला मंदिर है जहां पर माहवारी को पवित्र माना जाता है.

  1. पुष्कर में ब्रह्मा जी का मंदिर

ब्रह्माजी मंदिर पुष्कर के दर्शन और पर्यटन स्थल की जानकारी – Brahmaji Temple Pushkar Information In Hindi - Holidayrider.Com

भारत में ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर है जो राजस्थान के पुष्कर में हैं. इस मंदिर में शादीशुदा पुरुष पर रोक है. जानकारी के लिए बता दे कि इस मंदिर में विवाहित पुरुषों के प्रवेश पर पाबंदी 14वीं शताब्दी से है. पुराणों में बताया गया है कि एक बार ब्रह्मा जी ने पुष्कर झील के किनारे एक यज्ञ करने की योजना बनाई थी, इस दौरान मां सरस्वती थोडा लेट से पहुंची, जिसके चलते ब्रह्मा जी ने मां गायत्री के साथ यज्ञ संपन्न किया. मां सरस्वती को ब्रह्मा जी की यह बात पसंद नहीं आई तब उन्होनें ब्रह्मा जी के मंदिर को श्राप दिया कि “किसी विवाहित पुरुष को आंतरिक परकोटे में जाने की इजाजत नहीं होगी और अगर फिर भी ऐसा कोई करता है तो उसके वैवाहिक जीवन में एक समस्या उत्पन्न होगी. यही वजह है की मंदिर में विवाहित पुरुष नहीं जाते.

  1. मुजफ्फरपुर में दुर्गा माता का मंदिर

Devi Mandir Muzaffarpur Bihar | Maa Durga Temple | Alice Swift - YouTube

बिहार के मुजफ्फरपुर में दुर्गा माता का मंदिर है, जहां पर पुरुषों के प्रवेश को लेकर पाबंदी है. एक तय समय में यहां पुरुषों को परिसर में प्रवेश करने से मना कर दिया जाता है. सिर्फ महिलाएं ही मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं. बता दें कि मंदिर प्रशाशन के कानून पुजारियों को लेकर भी काफी कड़े हैं.

  1. केरल के छक्कूलाथुकावु में मां भगवती का मंदिर

आलप्पुष़ा या आलेप्पी के तिरुवल्ला में स्थित चक्कुलत्तुकावु श्री भगवती मंदिर | केरल पर्यटन

केरल में छक्कूलाथुकावु मंदिर में मां भगवती का मंदिर है जिन्हें मां दुर्गा का अवतार माना जाता है. बता दें कि इस मंदिर में महिलाओं को पूजा जाता है. इस मंदिर के पुजारी दिसंबर के महिने में महिलाओं के लिए 10 दिन का व्रत रखते हैं, और पहले शुक्रवार को महिला श्रद्धालुओं के पैर धोते हैं. इस दौरान पुरुषों का जाने पर रोक है.

  1. संतोषी माता के मंदिर

जोधपुर का इकलौता संतोषी माता का मंदिर जहां खुद प्रकट हुई मां...विदेश से भी दर्शन के लिए आते हैं भक्त - history of santoshi mata temple jodhpur rajasthan - GNT

देशभर में संतोषी माता के मंदिरों में भी पुरुषों के जाने की मनाही है. महिलाएं और कुवांरी कन्याएं संतोषी माता के लिए व्रत रखती हैं. कहा जाता है कि इस व्रत के दौरान महिलाओं को खट्टी चीजें खाने की अनुमति नहीं होती. बता दें कि शुक्रवार को पुरुषों को मंदिर में जाने पर पाबंदी है. हालांकि पुरुष शुक्रवार को व्रत रख सकते है, लेकिन मंदिर नहीं जा सकते.

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