नई दिल्लीः आयकर विभाग ने 30.09.2021 को मुंबई, पुणे, नोएडा और बैंगलोर समेत कई शहरों में 37 परिसरों पर तलाशी ली और जब्ती अभियान चलाया। ये समूह/व्यक्ति केबल निर्माण, रियल एस्टेट, टेक्सटाइल, प्रिंटिंग मशीनरी, होटल, लॉजिस्टिक्स आदि जैसे विभिन्न कारोबार में शामिल हैं।
तलाशी अभियान के वक्त , कई आपत्तिजनक कागजात , लूज शीट, डायरी, ईमेल और अन्य डिजिटल सबूत आदि मिले हैं। जिनके जरिए समूहों के बड़ी तादाद में विदेशी बैंक खाते और अचल संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली है। जिसकी आयकर विभाग को जानकारी नहीं दी गई थी। इन समूहों/व्यक्तियों ने अपनी बेहिसाब संपत्ति को बनाए रखने के लिए मॉरीशस, यूएई, बीवीआई, जिब्राल्टर आदि जैसे टैक्स हेवन देशों में स्थित विदेशी कंपनियों और ट्रस्टों का एक संदिग्ध और जटिल जाल बना रखा था। जिसके लिए इन्होंने दुबई स्थित एक वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी की सेवाएं ली थी।
दुबई स्थित वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी के जरिए इन समूहों और व्यक्तियों ने एक दशक में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 750 करोड़ रुपये) से अधिक की राशि स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और कई अन्य विदेशी बैंक खातों में जमा कराए। तलाशी अभियान के वक्त इकट्ठा किए गए सबूतों से पता चलता है कि इन समूहों द्वारा विदेशों में रखे गए अज्ञात धन का इस्तेमाल इन समूहों द्वारा विदेशों में बनाई गई डिफंक्ट कंपनियों के नाम पर ब्रिटेन, पुर्तगाल, संयुक्त अरब अमीरात आदि जैसे कई देशों में अचल संपत्ति खरीदने के लिए किया गया है। इसके अतिरिक्त, राशि का विदेशों में प्रमोटर और उनके परिवार के सदस्यों के व्यक्तिगत खर्चों के लिए प्रयोग किया गया और भारतीय कंपनियों में पूंजी वापस लाने के लिए इस्तेमाल किया गया।