सिडनी टेस्ट में मिली हार के बाद, टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार 7 साल का वर्चस्व खत्म हो गया। इस हार के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से सीरीज जीतने के साथ-साथ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी अपनी जगह पक्की कर ली है। इस हार के बाद से टीम इंडिया के कई खिलाड़ी आलोचनाओं के घेरे में हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कप्तान विराट कोहली के प्रदर्शन पर हो रही है। दोनों खिलाड़ियों का इस सीरीज में बेहद खराब प्रदर्शन रहा, जिससे ये सवाल उठने लगा है कि क्या इन दोनों का टेस्ट क्रिकेट में भविष्य खत्म हो गया है?
क्या टीम इंडिया में अब जगह नहीं?
अगर हम रोहित शर्मा और विराट कोहली के प्रदर्शन पर नजर डालें, तो दोनों का रिकॉर्ड सीरीज के दौरान बहुत निराशाजनक रहा। कप्तान रोहित शर्मा ने 5 पारियों में सिर्फ 31 रन बनाए, जबकि विराट कोहली 9 पारियों में महज 190 रन ही बना सके। यह प्रदर्शन निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट फैन्स के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि दोनों ही खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट के बड़े नाम माने जाते हैं। अब सवाल ये उठता है कि क्या उनके खराब प्रदर्शन के बाद उनका टेस्ट करियर खत्म हो गया है?
कोच गौतम गंभीर का इशारों में बयान
इस सवाल का जवाब सीधे तौर पर कोच गौतम गंभीर ने नहीं दिया, लेकिन इशारों में उन्होंने जरूर कुछ महत्वपूर्ण बातें कही। जब सिडनी टेस्ट खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे रोहित शर्मा और विराट कोहली के भविष्य के बारे में पूछा गया, तो गंभीर ने इस पर कोई निश्चित बयान नहीं दिया। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि खिलाड़ियों के अंदर अभी भी क्रिकेट को लेकर भूख और जुनून है। गंभीर ने कहा, “मैं किसी खिलाड़ी के भविष्य पर कुछ नहीं कह सकता। यह पूरी तरह से उस खिलाड़ी पर निर्भर करता है। लेकिन मैं ये कह सकता हूं कि खिलाड़ियों में अभी भी क्रिकेट के प्रति भूख और जुनून बाकी है।”
गंभीर का स्पष्ट इशारा
गंभीर ने आगे कहा, “टीम इंडिया के हित सबसे महत्वपूर्ण हैं। उम्मीद है कि ये खिलाड़ी टीम को आगे बढ़ाते रहेंगे, लेकिन जो भी फैसले होंगे, वो टीम इंडिया के फायदे के लिए होंगे।” इस बयान से यह साफ समझ आता है कि गंभीर ने अप्रत्यक्ष रूप से यह इशारा दिया है कि अगर रोहित और विराट को अपने करियर का सम्मानजनक अंत चाहिए, तो उन्हें खुद ही टीम से बाहर होने का फैसला लेना चाहिए।
यह बयान इस बात की ओर भी इशारा करता है कि अगर खिलाड़ी खुद बाहर नहीं होते हैं, तो उन्हें ड्रॉप भी किया जा सकता है। गंभीर का यह बयान यह दिखाता है कि भारतीय क्रिकेट टीम का भविष्य टीम के हितों के हिसाब से तय होगा, न कि किसी एक या दो खिलाड़ियों के व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर।
अगला बड़ा टेस्ट: इंग्लैंड दौरा
टीम इंडिया को अब इंग्लैंड का दौरा करना है, जहां जून में पांच टेस्ट मैच खेले जाएंगे। यह दौरा भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा मील का पत्थर हो सकता है, खासकर तब जब टीम को नए सिरे से अपनी ताकत और रणनीति की आवश्यकता होगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रोहित शर्मा और विराट कोहली इस दौरे में भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा होते हैं या फिर युवा खिलाड़ियों को मौका दिया जाता है।
भारतीय क्रिकेट में बदलाव का समय?
गंभीर के बयान से यह स्पष्ट हो गया कि भारतीय क्रिकेट में अब बदलाव की हवा बहने लगी है। कोच ने साफ किया कि टीम इंडिया के हित को प्राथमिकता दी जाएगी और अगर किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन टीम की अपेक्षाओं से मेल नहीं खाता, तो उन्हें खुद ही सही कदम उठाना होगा। यह भविष्य में टीम इंडिया के लिए बड़ा सवाल बन सकता है कि क्या अब नए खिलाड़ियों को मौका मिलेगा या फिर पुराने सितारे किसी ना किसी रूप में टीम का हिस्सा रहेंगे।
हालांकि, भारतीय टीम के बड़े सितारे रोहित और विराट पर सवाल उठने के बावजूद, दोनों ही खिलाड़ियों ने अपनी क्रिकेट की काबिलियत से कई बड़ी सफलताएँ हासिल की हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने करियर को किस दिशा में ले जाते हैं, और क्या वे खुद टीम के लिए कोई बड़ा निर्णय लेने की स्थिति में होंगे।