भारत को फिर से भारी पड़ा मौका देना, मेलबर्न टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की मजबूत वापसी

ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच मेलबर्न में चल रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट मैच में जबरदस्त टकराव जारी है। 29 दिसंबर को चौथे दिन के खेल के अंत में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को एक बड़ी चुनौती दी है, और अब भारत के लिए मैच जीतना आसान नहीं दिख रहा। पहले तीन दिनों तक भारतीय टीम ने मुकाबले में पकड़ बनाई हुई थी, लेकिन चौथे दिन कुछ अहम मौके गंवाने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली।

ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में पलटी हुई उम्मीदें

जैसा कि टेस्ट क्रिकेट में अक्सर देखा जाता है, एक पल में मैच का रुख पलट सकता है। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 278 रन की बढ़त हासिल की थी, और भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के 8 विकेट 173 रन पर ही गिरा दिए थे। इस स्थिति में भारतीय टीम को लगने लगा था कि वह बस कुछ ही देर में मैच पर कब्जा कर लेंगे। लेकिन तब कुछ गलतियाँ और मौके देने वाले हालात ने भारत की उम्मीदों को तोड़ा।

सिराज का कैच ड्रॉप, ऑस्ट्रेलिया को मिला नया जीवनदान

चौथे दिन भारतीय गेंदबाजों के लिए कुछ गलतियां भारी साबित हुईं। भारत के लिए पहला बड़ा झटका तब आया जब मोहम्मद सिराज ने ऑस्ट्रेलिया के नाथन लायन का कैच ड्रॉप कर दिया। यह वह मौका था जब लायन 5 रन पर खेल रहे थे। सिराज ने लायन को आउट करने का सही मौका गंवा दिया। गेंद हवा में गई थी, और सिराज उसे लपकने में नाकाम रहे।

लायन ने इसका फायदा उठाया और अंत तक क्रीज पर टिके रहे। अगर सिराज वह कैच लपक लेते, तो शायद लायन का क्रीज पर रहना भी न होता। लायन ने इस मौके का पूरा फायदा उठाते हुए 41 रन बनाकर खेल खत्म होने तक नाबाद रहे। भारत को अब यह अफसोस होगा कि यह मौका उसने गंवा दिया, क्योंकि लायन ने फिर 10वें विकेट के लिए स्कॉट बौलेंड के साथ 55 रन की साझेदारी की।

बुमराह की नो-बॉल, भारत का दूसरा बड़ा झटका

चौथे दिन की समाप्ति से पहले भारतीय गेंदबाजी आक्रमण को बुमराह से भी एक और बड़ा झटका लगा। आखिरी ओवर में बुमराह ने लायन का कैच लिया था, जिसे केएल राहुल ने स्लिप में शानदार तरीके से लपका। हालांकि, बुमराह की एक गलती ने भारत के लिए उस विकेट को बेकार बना दिया। बुमराह ने नो-बॉल डाली, जिससे लायन को फिर से जीवनदान मिल गया। यह गलती भारत के लिए बहुत महंगी साबित हुई, क्योंकि इस मौके पर लायन ने फिर से क्रीज पर जमकर खेलना शुरू कर दिया।

लायन और बौलेंड के बीच जबरदस्त साझेदारी

नौ विकेट गिरने के बाद ऑस्ट्रेलिया को केवल एक और विकेट चाहिए था, लेकिन लायन और बौलेंड ने भारत के गेंदबाजों को परेशान कर दिया। दोनों के बीच 10वें विकेट के लिए 110 गेंदों पर 55 रन की नाबाद साझेदारी हुई। इस साझेदारी ने भारतीय टीम के लिए परेशानी और बढ़ा दी, क्योंकि अब ऑस्ट्रेलिया की लीड 333 रन हो चुकी थी।

अगर बुमराह की नो-बॉल नहीं होती या सिराज लायन का कैच पकड़ लेते, तो शायद भारत के पास यह मौका होता कि वह मैच जल्दी खत्म कर सकते। लेकिन अब स्थिति यह हो गई है कि ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह से वापसी कर चुका है और भारत को अब यह मुकाबला जीतने के लिए बेहद मुश्किल काम करना होगा।

ऑस्ट्रेलिया की मजबूत वापसी, भारत के लिए मुश्किल राह

मेलबर्न टेस्ट में इस वक्त ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। पहले बैटिंग करने का फैसला करने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने 474 रन बनाए, जबकि भारत 369 रन ही बना सका और उसे 105 रन की बढ़त मिली। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 9 विकेट पर 228 रन बना लिए हैं और लायन-बौलेंड की साझेदारी के साथ उनका कुल लीड 333 रन हो चुका है।

अब भारत को यह मैच जीतने के लिए पहले लायन और बौलेंड की जोड़ी को जल्दी आउट करना होगा। इसके बाद भारत को अपनी बल्लेबाजी में धैर्य और साहस दिखाते हुए इस विशाल लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत करनी होगी। भारत के लिए यह स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण हो चुकी है, और उसे अब हर गेंद पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

भारत को क्या करना होगा अब?

भारत को अगर इस मैच में जीत हासिल करनी है, तो उसे सबसे पहले लायन और बौलेंड की साझेदारी को जल्दी तोड़ना होगा। इसके बाद, भारत को अपनी बल्लेबाजी को मजबूत करना होगा और इस विशाल लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगानी होगी। अगर भारत को वापसी करनी है तो उसे पूरे ध्यान और एकजुटता के साथ खेलना होगा।

यह मैच अभी खत्म नहीं हुआ है, और भारतीय टीम के पास मौका है, लेकिन उसे अब हर क्षण का ध्यान रखते हुए खेल में दबाव बनाने की जरूरत होगी। अगर ऑस्ट्रेलिया के इस पलटवार को भारत जल्दी न रोक पाया, तो उसे यह मैच हारने का खतरा हो सकता है।

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