हरियाणा में कांग्रेस की हार के एक दिन बाद, सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी में उपचुनाव के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 6 सपा उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। इस फैसले से कांग्रेस में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है।
कांग्रेस को हुई नाराजगी का कारण
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश ने उम्मीदवारों के नाम घोषित करने से पहले कांग्रेस से कोई चर्चा नहीं की। कांग्रेस सपा के साथ मिलकर उपचुनाव लड़ने की योजना बना रही थी, लेकिन अब सपा ने खुद ही 6 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इन सीटों में करहल, कटेहरी, मिल्कीपुर, सीसामऊ, फूलपुर और मझवां शामिल हैं। कांग्रेस मझवां सीट पर खुद का उम्मीदवार खड़ा करना चाहती थी, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने हाल ही में वहां का प्रभारी नियुक्त किया था।
कांग्रेस की डिमांड पर सपा का अनसुना
कांग्रेस ने सपा से 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की थी, लेकिन सपा ने अपने 6 उम्मीदवारों के नाम घोषित करके कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। अब कहा जा रहा है कि सपा आने वाले दिनों में कुंदरकी और मीरापुर सीट पर भी प्रत्याशी घोषित कर सकती है, और कांग्रेस के लिए गाजियाबाद सदर सीट छोड़ने का मूड दिखा रही है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर सवाल
कांग्रेस की तरफ से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में है। यूपी में 2024 के लोकसभा चुनाव में भी सपा ने कांग्रेस को कम सीटें देने की बात कही थी, लेकिन बाद में अखिलेश ने 17 सीट देने का प्रस्ताव रखा था। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस स्थिति को कैसे संभालती है।
अखिलेश का दांव समझने की कोशिश
एक बड़ा सवाल यह है कि अखिलेश यादव ने बिना कांग्रेस को विश्वास में लिए क्यों उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। माना जा रहा है कि हरियाणा में सपा को सीटें न मिलने और महाराष्ट्र में पेच फंसने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। सपा महाराष्ट्र में कम से कम 12 सीटों पर लड़ने की योजना बना रही है, लेकिन कांग्रेस ने अब तक इस पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है।
सपा के घोषित उम्मीदवार
सपा ने करहल से तेज प्रताप यादव, मिल्कीपुर से अजित प्रसाद, कटेहरी से शोभावती वर्मा, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी और मझवां से ज्योति बिंद को उम्मीदवार बनाया है। सपा ने कुंदरकी, खैर, मीरापुर और गाजियाबाद सदर सीट पर अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। सपा के सूत्रों के अनुसार, यदि कांग्रेस एक सीट लेने के लिए राजी नहीं होती, तो सपा अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।