भारत और चीन के बीच लंबे समय से रुकी हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा अब फिर से शुरू होने वाली है। दोनों देशों के बीच हुई बातचीत में इस पर सहमति बनी है, जिससे यात्रा का रास्ता फिर से खोला जाएगा। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी दी कि अक्टूबर में कज़ान में हुई बैठक के बाद दोनों देशों ने 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व
कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा है। मान्यता है कि कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान है, और इसे विशेष धार्मिक महत्व दिया जाता है। लाखों लोग हर साल इस यात्रा पर जाते हैं, ताकि वे शिव के दर्शन कर सकें और धार्मिक लाभ प्राप्त कर सकें। लेकिन 2020 के बाद से भारत और चीन के बढ़ते तनावों के कारण इस यात्रा के दोनों प्रमुख रूट बंद कर दिए गए थे।
भारत और चीन के बीच बातचीत
इस मामले पर हाल ही में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बीजिंग में अपनी यात्रा के दौरान दोनों देशों के अधिकारियों से मुलाकात की। इस बैठक में, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति पर व्यापक चर्चा हुई, जिसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमति बनी। इसके अलावा, दोनों देशों ने सीमा पार नदियों से संबंधित हाइड्रोलॉजिकल डेटा और अन्य सहयोग के मामलों पर भी चर्चा की।
बैठक में यह भी तय किया गया कि 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होगी। इसके अलावा, दोनों देशों ने भारत-चीन विशेषज्ञ स्तर की बैठक आयोजित करने पर सहमति जताई, जिसमें सीमा से संबंधित अन्य मुद्दों पर विचार किया जाएगा।
ब्रह्मपुत्र नदी पर चर्चा
इस दौरान चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने से संबंधित भारत की चिंताओं का भी मुद्दा उठाया गया। भारत ने चीन से इस मामले में सहयोग की अपील की, ताकि दोनों देशों के बीच जलवायु और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर कोई विवाद न हो।
सीधी हवाई सेवाओं पर सहमति
भारत और चीन के बीच इस अहम बैठक में एक और बड़ी बात हुई। दोनों देशों ने सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने पर सहमति दी। इस कदम से दोनों देशों के बीच यात्रा और व्यापार को और आसान बनाया जाएगा। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच संवाद और आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों पर भी सहमति बनी।
भारत-चीन राजनयिक संबंधों के 75 साल
इस साल भारत और चीन के राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे हो रहे हैं, और इस मौके पर दोनों देशों ने अपने रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने की बात की। इस साल दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग बढ़ाने के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए गए हैं।
रिश्तों को सुधारने की दिशा में कदम
भारत और चीन के रिश्तों में आए तनावों के बावजूद, दोनों देशों ने अब एक नई दिशा में कदम बढ़ाए हैं। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रिश्तों को स्थिर और मजबूत करने के लिए कुछ जन-केंद्रित कदम उठाने की बात की है। इससे यह संकेत मिलता है कि भविष्य में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ सकता है और दोनों देशों के नागरिकों के लिए नई सुविधाएं भी प्रदान की जा सकती हैं।