भारतीय सेना की बढ़ेगी ताकत! 7800 करोड़ के हथियार खरीदेगा भारत

रक्षा मंत्रालय ने रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) में 7800 करोड़ रुपए के रक्षा सौदों की मंजूरी दी है। इस सौदे में हेलीकाप्टर, इलेक्ट्रानिक युद्धक हथियार, मानव रहित निगरानी प्रणाली, रसद परिवहन और नौसेना के हेलीकाप्टर के लिए नए हथियार शामिल हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परिषद की बैठक में रक्षा सौदों के आवश्यकता की स्वाकृति प्रदान की।

परिषद ने भारतीय थल सेना के लिए मशीनीकृत पैदल सेना यानी इंफेंट्री के लिए ऐसी मानवरहित प्रणाली खरीदने की मंजूरी दी है जो कि निगरानी भी करेगा और गोला-बारूद, ईंधन और पुर्जों सहित रसद भी पहुंचाएगा। इतना ही नहीं युद्ध क्षेत्र में घायलों को भी निकालने में पूरी तरह से सक्षम होगा। यानी ऐसा ड्रोन जो किसी सैनिक को बेस पहुंचाने में सक्षम हो।

इसके साथ परिषद ने 7.62×51 मिमी लाइट मशीन गन और ब्रिजलेइंग टैंक की खरीद के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है। एलएमजी से सैनिक की ताकत बढ़ेगी और बीएलटी से तेजी आएगी। प्रोजेक्ट शक्ति के तहत सेना के लिए लैपटॉप और टैबलेट खरीद को मंजूरी गई है। सबसे खास बात यह ळै कि यह खरीद सिर्फ स्वदेशी विक्रेताओं से होगी।
इस रक्षा सौदे की मंजूरी में भारतीय वायु सेना की दक्षता को बेहतर करने के लिए एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों पर इलेक्ट्रॉनिक वाॅरफेयर (ईडब्ल्यू) सुइट की खरीदने और इन्हें लगाने की मंजूरी दी गई है। यह हेलीकॉप्टर की क्षमता को बढ़ाएगा। यह सुइट भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से ही खरीदा जाएगा।

रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय नौ सेना के एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों की परिचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए और इसमें लगने वाले हथियारों की खरीद के लिए मंजूरी दी है।

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