नई दिल्लीः दुनिया का सबसे बड़ा टीका निर्माता भारत चाहता है कि कोरोना वायरस टीकों का निर्यात फिर से शुरू हो लेकिन जब तक उसकी घरेलू जरूरतें पूरी नहीं हो जाती तब तक वह ऐसा नहीं कर सकता. देश के कोविड-19 कार्यबल के प्रमुख ने शुक्रवार को यह बात कही.
डॉ विनोद के पॉल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि ‘भारतीय लोगों के महत्वपूर्ण हिस्से को टीका लगाने की हमारी तत्काल जरूरत पूरी हो जाए और विभिन्न स्रोतों से टीकों का स्टॉक मिल जाए, इसके बाद हम दूसरे देशों की सेवा और उन्हें टीके प्रदान करने की भूमिका निभाना चाहेंगे.’
पॉल ने अप्रैल में टीके के निर्यात को प्रतिबंधित करने के भारत सरकार के कदम का बचाव किया क्योंकि उस समय देश में संक्रमण और मौत के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत ने साल की शुरुआत में पर्याप्त मात्रा में टीके दिए थे, जब उसने अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया था. उन्होंने कहा कि इसका सम्मान किया जाना चाहिए क्योंकि कई देशों ने ऐसा नहीं किया है.
भारत ने जनवरी में 90 से अधिक देशों को टीकों का निर्यात करना शुरू किया था. लेकिन जब भारत में संक्रमण बढ़ गया तो निर्यात बंद हो गया. फिलहाल भारत में कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम काफी तेजी से चलाया जा रहा है. बीते 24 घंटे के दौरान देश में 32 लाख 59 हजार से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की खुराक दी गई. इस दौरान 28 लाख 54 हजार 220 लोगों को पहली बार कोरोना वैक्सीन की खुराक दी तो 4 लाख 4 हजार 783 ऐसे लोग थे जिन्हें कोरोना वायरस की दूसरी खुराक मिल गई.
भारत में 16 जनवरी से शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम के दौरान अभी तक 26 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी हैं. फिलहाल देशभर में अभी तक कुल 26 करोड़ 89 लाख 60 हजार 399 डोज दी जा चुकी हैं. जिसमें 21 करोड़ 88 लाख 73 हजार 616 लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली और 5 करोड़ 86 हजार 783 लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई है.