सरकार ने लैपटॉप और आईटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात पर अब कोई रोक नहीं लगेगी। बल्कि भारत सरकार ने लैपटॉप और टेबलेट के आयात की प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में कदम उठाया है। सरकार ने आज मानव हस्तक्षेप रहित नई आयात मंजूरी व्यवस्था की शुरुआत की। इसके साथ ही सरकार ने वादा किया कि आयात अनुरोध पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। सरकार ने अपने आयात लाइसेंस शुरू करने के अपने पिछले फैसले की तुलना में नरमी बरती है। जाहिर है कि इससे भारतीय बाजार में लैपटॉप और टेबलेट कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी और इसका फायदा आमलोगों को मिलेगा। इससे कंपनियां अपने उत्पाद बेचने के लिए प्राइस वॉर, डिस्काउंट मोड में जाएगी और आमलोगों को लैपटॉप और टेबलेट सस्ता मिलेगा।
विदेश व्यापार के महानिदेक संतोष कुमार सारंगी ने इस मुद्दे पर कहा, “नई लाइसेंसिंग या मंजूरी व्यवस्था का उद्देश्य मुख्य रूप से इन उत्पादों के इंपोर्ट की निगरानी करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे विश्वसनीय स्रोतों से आ रहे हैं। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी।”
सरकार द्वारा लाई गयी नई इम्पोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम 1 नवंबर से लागू हो जाएगी और कंपनियों को आयात की मात्रा और उसकी वैल्यू यानी मूल्य को रजिस्टर करने की जरूरत होगी। जो कंपनियों इन प्रोडक्ट्स को बनाएंगी उन्हें कोई परेशानी न आए इसके लिए आयातकों के लिए एंड-टू-एंड ऑनलाइन सिस्टम शुरू की गई है। इस सिस्टम के तहत भारत सरकार किसी भी इम्पोर्ट की रिक्वेस्ट को मना नहीं करेगी और कंपनियां जो भी डेटा सरकार को देंगी उसे वह निगरानी के लिए उपयोग करेगी।
1 नवम्बर से नया इम्पोर्ट सिस्टम लागू होने जा रहा है। जैसे ही सरकार के पोर्टल पर कम्पनियां रजिस्ट्रेशन करेगी उसके बाद 30 सितंबर 2024 तक उसी रजिस्ट्रेशन के जरिए लैपटॉप, कम्प्यूटर और टैबलेट का इम्पोर्ट कर सकेंगी। इसके बाद सभी पहलुओं को जांचा परखा जाएगा और निर्णय लिया जाएगा कि नियम में क्या बदलाव करना है?