प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इटली में जी7 समिति के दौरान जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा से मुलाकात की। इस दौरान भारत और जापान ने मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और शांति व समृद्धि के लिए अपनी नई प्रतिबद्धताएं तय कीं। पीएम मोदी ने कहा कि शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत तथा जापान के बीच मजबूत संबंध महत्वपूर्ण हैं। बता दें कि मोदी और किशिदा दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ाने पर भी सहमत हुए। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों की नई रणनीति चीन की चिंता का कारण बन सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय जी-7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन ‘आउटरीच सेशन’ को संबोधित करने के लिए दक्षिणी इटली के अपुलिया के एक दिवसीय दौरे पर थे। उन्होंने ‘कृत्रिम मेधा, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर’ पर अपने संबोधन के बाद किशिदा से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने किशिदा के साथ बातचीत के बाद सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए भारत तथा जापान के बीच मजबूत संबंध महत्वपूर्ण हैं।’’
चीन के लिए तनाव का है पीएम मोदी का बयान
मोदी का यह बयान क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार तथा अपना वर्चस्व बढ़ाने की कोशिशों के बीच आया है। ऐसे में इसे चीन के लिए बड़े तनाव के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश रक्षा, प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। हम बुनियादी ढांचे तथा सांस्कृतिक संबंधों में भी रिश्तों को आगे बढ़ाना चाहते हैं।’’ विदेश मंत्रालय ने दोनों नेताओं के बीच वार्ता के संबंध में जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से चुने जाने पर किशिदा द्वारा दी गई बधाई के लिए उनका आभार व्यक्त किया और साथ ही कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल में भी द्विपक्षीय संबंध अहम रहेंगे। दोनों नेताओं ने कहा कि वे अगले भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में चर्चा जारी रखेंगे।