हिंदुस्तान और मलेशिया के मध्य राजनयिक रिश्तों के 65 साल पूर्ण हो चुके हैं। इस अवसर पर राजधानी कुआलालंपुर कन्वेंशन में इंडिया-मलेशिया@65 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर मलेशियाई फॉरेन मिनिस्टर दातुक सेरी सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने भारत की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमारे रिश्ते 65 वर्ष के आधिकारिक द्विपक्षीय रिश्तों से पूर्व के हैं। दोनों देशों के नागरिकों के मध्य संबंध न केवल एक द्विपक्षीय संबंध है, बल्कि एक सभ्यतागत रिश्ता है।
The Special Commemorative Event “India-Malaysia@65” tonight marks the 65th Anniversary of Malaysia – India diplomatic ties. 🇲🇾 🇮🇳 pic.twitter.com/dhNzEUKYvq
— Saifuddin Abdullah 🇲🇾 (@saifuddinabd) September 9, 2022
The ISIS Focus is a collaborative work of @hcikl & @ISIS_MY highlighting developments during the last 65 years & an analytical work of distinguished authors & academics from India and Malaysia examining ways of building relations in the endemic phase of Covid-19.@bernamadotcom pic.twitter.com/IDyfEHSSwl
— India in Malaysia (@hcikl) September 10, 2022
मलेशिया में भारतीय मूल के 23 लाख नागरिक रहते हैं: मलेशिया के विदेश मंत्री
ने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों में अहम प्रगति हुई है और दोनों देशों के सभ्यतागत रिश्तों ने संबंधों को और भी मजबूत बना दिया है। मलेशिया और हिंदुस्तान ने पहली बार 1957 में मलाया की स्वतंत्रता संघ और औपनिवेशिक शासन के समाप्ति के बाद ऑफिशियल डिप्लोमेटिक रिलेशन बनाए हैं। मलेशिया की 3.3 करोड़ की जनसंख्या में से करीब सात फीसदी (23 लाख लोग) भारतीय मूल के नागरिक हैं।
मलेशियाई फॉरेन मिनिस्टर ने कहा कि हाल ही में 2015 में हस्ताक्षरित साइबर सिक्योर्टी पर एक समझौता ज्ञापन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान प्रोग्राम (2015), एक संशोधित वायु सेवा समझौता (2017), मलेशिया पाम ऑयल बोर्ड (MPOB) और रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के मध्य एक समझौता ज्ञापन सम्मिलित हैं। आईसीटी), हिंदुस्तान (2017), और AIU और MQA (2017) के मध्य अकादमिक डिग्री और कार्टिफिकेट की पारस्परिक मान्यता का समझौता ज्ञापन।