बदतर आर्थिक स्थिति से जूझ रहे चीन को भारत एक और झटका देने जा रहा है. खबर है कि घरेलू निर्माताओं की मदद के मकसद से भारत सरकार सोलर एनर्जी मॉड्यूल्स के आयात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है. घरेलू निर्माताओं से सरकार को शिकायतें मिल रही थीं कि विदेशों विशेष तौर पर चीन से सस्ते सोलर एनर्जी मॉडयूल्स की सप्लाई हो रही है.
नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र ने नियमों में कुछ ढील दी थी जो 31 मार्च को खत्म हो रही है और अगले दिन यानी 1 अप्रैल से घरेलू मॉडल्स और निर्माताओं की अप्रूव्ड लिस्ट (अनुमोदित लिस्ट) दोबारा से प्रभावी होगी. यह लिस्ट आयातित मॉड्यूल्स को देश में उपयोग करने से रोकती है. सोलर मॉड्यूल्स के आयात पर प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य स्थानीय सोलर पैनल उत्पादन को प्रोत्साहित कर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के पीएम मोदी के प्रयास का हिस्सा है.
मॉड्यूल सप्लायरों के लिए सरकारी मंजूरी अनिवार्य करने के अलावा सरकार ने सोलर पावर हार्डवेयर पर आयात कर लगा दिया है. यह देखते हुए कि घरेलू क्षमता मांग को पूरा नहीं कर सकती, भारत सरकार ने अनुमोदित सूची में ढील दे दी थी जिसका परिणाम यह हुआ कि चीन और वियतनाम से बड़ी मात्रा में सस्ते मॉड्यूल का आयात हुआ, जिससे घरेलू आपूर्तिकर्ताओं को नुकसान उठाना पड़ा.
भारतीय सौर विनिर्माता संघ के अध्यक्ष अश्विनी सहगल ने कहा कि सरकार के इस कदम से घरेलू सोलर उत्पादकों को फायदा होगा और इससे उनके बिक्री और उपयोग करने की क्षमता में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है.