भारत और नाइजीरिया के व्यापारिक रिश्तों में नई ऊर्जा, पीएम मोदी का दौरा
भारत और नाइजीरिया के बीच व्यापारिक और निवेश संबंधों में हाल के दिनों में नई ऊर्जा देखने को मिल रही है। खासकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाइजीरिया दौरा इसे और भी मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है। यह दौरा 17 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री का नाइजीरिया के लिए पहला दौरा है, और इससे दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और साझेदारियों को बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है। तो आइए जानते हैं, क्यों नाइजीरिया के साथ भारत के रिश्ते इतने महत्वपूर्ण हो गए हैं, और इस दौरे से दोनों देशों को क्या फायदे हो सकते हैं।
भारत और नाइजीरिया के बीच व्यापारिक संबंध
भारत और नाइजीरिया के बीच व्यापार में कुछ गिरावट जरूर आई है, लेकिन नाइजीरिया का भारत के लिए महत्व अब भी बरकरार है। 2021-22 में भारत और नाइजीरिया के बीच व्यापार 12 बिलियन डॉलर था, जो 2022-23 में घटकर 8 बिलियन डॉलर रह गया। हालांकि, इसके बावजूद नाइजीरिया में भारतीय कंपनियों का निवेश लगातार बढ़ रहा है।
भारत की 135 कंपनियों ने नाइजीरिया में लगभग 27 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जो न सिर्फ भारत के लिए लाभकारी है, बल्कि नाइजीरिया की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दे रहा है। भारतीय कंपनियां नाइजीरिया के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बुनियादी ढांचा, मैन्युफैक्चरिंग, कंज्यूमर गुड्स और सर्विसेज में काम कर रही हैं, जिससे नाइजीरिया के बाजार में भारतीय उत्पादों की खपत बढ़ी है और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हुए हैं।
भारत का नाइजीरिया में निवेश
भारत और नाइजीरिया के बीच व्यापारिक साझेदारी की बात करें तो नाइजीरिया में भारतीय कंपनियों का निवेश काफी बढ़ा है। भारतीय कंपनियां 27 बिलियन डॉलर का निवेश करके नाइजीरिया के विभिन्न सेक्टरों में सक्रिय हैं। इनमें बुनियादी ढांचा, मैन्युफैक्चरिंग, कंज्यूमर गुड्स, और सर्विसेज जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप नाइजीरिया की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और भारतीय कंपनियों के लिए यह एक बड़ा बाजार बन चुका है।
भारत और नाइजीरिया के बीच व्यापार
भारत और नाइजीरिया के व्यापारिक आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं:
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2017-18: 11.75 बिलियन डॉलर
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2018-19: 13.89 बिलियन डॉलर
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2019-20: 13.82 बिलियन डॉलर
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2020-21: 8.80 बिलियन डॉलर
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2021-22: 14.95 बिलियन डॉलर
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2022-23: 11.8 बिलियन डॉलर
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2023-24: 7.89 बिलियन डॉलर
इन आंकड़ों से यह साफ है कि व्यापार में उतार-चढ़ाव जरूर आया है, लेकिन दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक रिश्ते अब भी बने हुए हैं।
नाइजीरिया से भारत के आयात और निर्यात
भारत नाइजीरिया से मुख्य रूप से पेट्रोलियम, क्रूड ऑयल, काजू, लकड़ी और अलौह धातु जैसे सामान इंपोर्ट करता है, जबकि नाइजीरिया को भारत रिफाइंड पेट्रोलियम, मोटरसाइकिल, साइकिल, मशीनरी, औषधियां, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और मैन्युफैक्चरिंग मेटल्स भेजता है।
भारत नाइजीरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है और नाइजीरिया अफ्रीका में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साथी बन चुका है। खासकर ऊर्जा के संसाधनों के मामले में नाइजीरिया की अहमियत बढ़ी है, जो भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी का नाइजीरिया दौरा: एक महत्वपूर्ण कदम
प्रधानमंत्री मोदी का नाइजीरिया दौरा न केवल व्यापार बढ़ाने का एक मौका है, बल्कि यह भारतीय कंपनियों के लिए नए निवेश अवसरों के द्वार भी खोल सकता है। इस दौरे के दौरान खासकर माइनिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, और डिफेंस सेक्टर में भारतीय निवेश को बढ़ावा देने की योजना बनाई जा रही है। इस दौरे के दौरान कई अहम व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं, जो दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा दे सकते हैं।
भविष्य में भारत और नाइजीरिया के रिश्ते
भारत और नाइजीरिया के रिश्तों का भविष्य बहुत उज्जवल नजर आ रहा है। नाइजीरिया के पास प्राकृतिक संसाधन हैं, और भारत को इन संसाधनों की जरूरत है। इसके अलावा, नाइजीरिया में मौजूद युवा और तेजी से बढ़ती हुई आबादी भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ा बाजार बन सकती है।
साथ ही, भारत और नाइजीरिया के बीच सांस्कृतिक और रणनीतिक साझेदारी भी धीरे-धीरे मजबूत हो रही है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में एक नई ऊर्जा आ रही है। आने वाले समय में प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और नाइजीरिया के रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
क्यों बढ़ रहे हैं भारत और नाइजीरिया के रिश्ते
भारत और नाइजीरिया के रिश्तों में मजबूती आने का मुख्य कारण दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में बेहतर सहयोग है। भारतीय निवेशों ने न सिर्फ नाइजीरिया की अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचाया है, बल्कि यह भारतीय कंपनियों के लिए नए अवसर भी खोल रहा है। इन निवेशों से न केवल व्यापार में वृद्धि हो रही है, बल्कि दोनों देशों के रिश्ते भी मजबूत हो रहे हैं।