Friday, May 23, 2025

भारत और पाकिस्तान में सीजफायर पर सीधी बातचीत हुई थी, डच चैनल पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष के बाद सीजफायर को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे बातचीत हुई थी। इसमें किसी तीसरे देश ने मध्यस्थता नहीं की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पुष्टि की है कि भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी बंद करने के लिए दोनों देशों ने बिना किसी बाहरी मध्यस्थता के सीधे बातचीत की थी। उन्होंने डच चैनल एनओएस के साथ एक साक्षात्कार में ये बातें कही।

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने भारत से सीधे संपर्क किया था। यह संघर्ष विराम भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हुआ, जिसे 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में शुरू किया गया था। भारत का कहना है कि अब दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ है।

सैन्य संचार माध्यमों से ही थी वार्ता

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम दोनों देशों के बीच प्रत्यक्ष सैन्य संचार के माध्यम से हुआ था, न कि अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के माध्यम से। जयशंकर ने डच ब्रॉडकास्टर एनओएस को दिए इंटरव्यू में कहा, “गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने के बारे में भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे बातचीत हुई थी।” “हमने एक बात सभी से साफ कर दी थी, जिन्होंने हमसे बात की, न केवल अमेरिका से, बल्कि सभी से, कि देखिए, अगर पाकिस्तान गोलीबारी बंद करना चाहता है, तो उसे हमें बताना होगा। हमें उनसे यह सुनना होगा, उनके जनरल को हमारे जनरल को फोन करके यह कहना होगा, और यही हुआ।”

10 मई को पाकिस्तान ने किया था हॉटलाइन पर संपर्क

10 मई को पाकिस्तानी सेना की ओर से हॉटलाइन पर की गई कॉल से संकेत मिला कि वे शत्रुता समाप्त करने के लिए तैयार हैं। भारत ने भी उसी के अनुसार प्रतिक्रिया दी। सैन्य संचार के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, जयशंकर ने पुष्टि की कि दोनों सेनाओं ने मौजूदा हॉटलाइन का इस्तेमाल किया। “हाँ, हमारे पास एक दूसरे से हॉटलाइन के रूप में बात करने के लिए एक तंत्र है। 10 मई को पाकिस्तानी सेना ने संदेश भेजा कि वे गोलीबारी बंद करने के लिए तैयार हैं और हमने तदनुसार जवाब दिया।” उन्होंने माना कि अमेरिका, खाड़ी देशों और अन्य देशों ने चिंता व्यक्त की और दोनों पक्षों से बात की, लेकिन शत्रुता समाप्त करने के लिए अंतिम समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच ही हुआ।

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