नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच अमेरिकी आयोग यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है, जिसने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। दरअसल, इस रिपोर्ट में भारत धार्मिक स्वतंत्रता को कठघरे में खड़ा कर दिया है। जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया है और रिपोर्ट में खारिज करते हुए इसे पक्षपाती और विवादास्पद बताया है। अमेरिकी आयोग की इस रिपोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर भारत समेत 14 देशों को ‘विशेष चिंता वाले देश’ (सीपीसी) के रूप में नामित करने की सिफारिश कर डाली है। हालांकि, आयोग के कमिश्नर गैरी एल बाउर और तेनजिंग दोरजी ने इसपर असहमति जरूर जताई है। भारत ने भी इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने दर्ज की आपत्ति
इस रिपोर्ट में कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘ये एक संगठन विशेष की सोच है, जिसकी भारत परवाह नहीं करता है।’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘ये रिपोर्ट पक्षपाती और विवादास्पद है।’ उन्होंने ये भी कहा कि इस आयोग द्वारा भारत के खिलाफ इस तरह की टिप्पणियां कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी ये आयोग ऐसी बातें कर चुका है, लेकिन ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना के खिलाफ लड़ रही है, ऐसे वक्त में ये हरकत दिखाती है कि वो और नीचे गिर गया है। इस अयोग की गलत व्याख्या करने की आदत नए स्तर पर जा पहुंची है। इस कोशिश में वो अपने कमिश्नरों को ही नहीं साध पाया।’
बता दें कि USCIRF द्वारा जारी सूची में वो देश शामिल हैं, जहां धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़े हैं। आयोग ने अब इसमें नाइजीरिया, रूस, सीरिया, वियतनाम के साथ भारत का भी नाम जोड़ा है। इस वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में साल 2019 में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति में तेजी से गिरावट आई है। ये रिपोर्ट ये भी कहती है कि साल 2004 के बाद पहली बार USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में भारत की स्थिति पर चिंता जताई है। इस रिपोर्ट में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का भी जिक्र किया गया है, जिसको लेकर USCIRF की उप प्रमुख नादिने मेइन्जा का कहना है कि ये लाखों मुसलमानों को डिटेंशन में लेने, निर्वासित करने और राज्यविहीन करने की योजना है।
USCIRF क्या है?
- ये अमेरिका का एक स्वतंत्र द्विपक्षीय निकाय है।
- ये संगठन विदेश में धार्मिक या आस्था की स्वतंत्रता के उल्लंघनों पर निगरानी रखता है।
- इसकी स्थापना 1998 में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (IRFA) द्वारा की गई।
- निगरानी के लिए USCIRF अंतरराष्ट्रीय मानकों का प्रयोग करने का दावा करता है।