7 मई को भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इस ऑपरेशन में जिस हथियार ने अहम भूमिका निभाई, वो था मेड इन इंडिया ब्रह्मोस मिसाइल – एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जो दुश्मन को पलक झपकते नेस्तनाबूद कर देती है।
स्वदेशी हथियारों से किया पाकिस्तान को तबाह
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को भारत ने आकाश इंटरसेप्टर मिसाइल से ध्वस्त किया, जो पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनी है। यही नहीं, भारतीय सेना ने जवाबी हमलों में जिन ड्रोन्स का इस्तेमाल किया, वे भी इजरायल की तकनीक पर आधारित भारत में निर्मित ड्रोन थे। इन घटनाओं ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत का डिफेंस सेक्टर अब केवल आत्मनिर्भर ही नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
हथियार एक्सपोर्ट में भारत की छलांग
भारत ने पिछले 10 वर्षों में डिफेंस एक्सपोर्ट में जबरदस्त उछाल दर्ज किया है। वर्ष 2013-14 में जहाँ भारत का रक्षा निर्यात सिर्फ 686 करोड़ रुपये था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 23,662 करोड़ रुपये तक पहुंच गया – यानी 34 गुना की वृद्धि! सरकार का लक्ष्य है कि 2029 तक यह आंकड़ा 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचे। वर्तमान आंकड़ों पर नज़र डालें तो, इस वर्ष 15,233 करोड़ का एक्सपोर्ट निजी कंपनियों ने और 8,389 करोड़ का DPSUs (सरकारी डिफेंस कंपनियों) ने किया है।
80 देशों को भारत कर रहा हथियार सप्लाई
आज भारत 80 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण और हथियार निर्यात कर रहा है। यह तथ्य और भी गौरवपूर्ण तब हो जाता है जब हम देखते हैं कि इनमें कई देश खुद रक्षा उत्पादन में सक्षम हैं, लेकिन भारतीय हथियारों की तकनीक, कीमत और परफॉर्मेंस ने उन्हें भी आकर्षित किया है।
भारत की सबसे शक्तिशाली रक्षा तकनीकें
- पिनाका रॉकेट लॉन्चर :DRDO द्वारा विकसित पिनाका एक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर है जो एक बार में 12 रॉकेट केवल 42 सेकंड में दाग सकता है। इसका मार्क-1 वर्जन 40 किमी और मार्क-2 वर्जन 65 किमी की रेंज देता है। यह लॉन्चर दुश्मन पर सटीक और भारी हमला करने में सक्षम है।
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल :ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइलों में से एक है। ये मिसाइल ध्वनि की गति से भी तेज चलती है और अपने लक्ष्य को ट्रैक कर सटीक रूप से खत्म कर देती है। हाल के भारत-पाक तनाव में इसका प्रभावी इस्तेमाल देखा गया है।
- तेजस फाइटर जेट :पूरी तरह से भारत में विकसित तेजस अब विदेशी खरीदारों के रडार पर है। यह हल्का, फुर्तीला और आधुनिक एवियोनिक्स से लैस लड़ाकू विमान है।
- K9 वज्र, आर्टिलरी गन और डोर्नियर-228 एयरक्राफ्ट : ये सभी हथियार और उपकरण आज वैश्विक मार्केट में भारत की पहचान को मजबूत कर रहे हैं। इनकी डिमांड सिर्फ एशिया ही नहीं, यूरोप और अफ्रीका जैसे इलाकों में भी बढ़ रही है।
भारत बना दुनिया की नई हथियार फैक्ट्री
भारत अब सिर्फ अपनी सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि वो वैश्विक हथियार बाजार में भी तेजी से उभर रही एक महाशक्ति बन चुका है। मेड इन इंडिया हथियारों की विश्वसनीयता और तकनीकी श्रेष्ठता के दम पर भारत डिफेंस सेक्टर में एक नया इतिहास रच रहा है।