भारत चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC के पास न्योमा में एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड को अब एयरबेस बनाया जाएगा। यह हवाई बेस पूरी तरह से हर आधुनिक सुविधा और संचार प्रणाली से युक्त होगा। इस हवाई पटटी पर राफेल, सुखोई 30 और तेजस विमान उड़ान और अवतरण हो सकेगा। 18 सितंबर 2009 को यहां भारतीय वायु सेना का पहला विमान एएन 32 लैंड किया था। इसे 58 इंजीनियर कोर ने तैयार किया था।
लेह और दूसरा परतापुर के बाद न्योमा एयरबेस लददाख में यह तीसरा सक्रिय एयरबेस होगा। लेह और दूसरा परतापुर एलएसी से 100 किलोमीटर से अधिक दूर हैं। न्योमा सैन्य स्टेशन पर लड़ाकू टैंक और तोप पहले से ही तैनात हैं। अब एयरबेस के तौर पर इसके विकास से भारतीय सेना को चीन से मोर्चा लेने में काफी मदद मिलेगी। न्योमा बेस से एलएसी महज 35 किलोमीटर की दूरी पर होगी। चीन से प्रतिरक्षा प्रणाली और रणनीतिक तौर पर इसे एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।
भारतीय वायु सेना की तरफ से तैयार किए जा रहे इस एयरबेस में हवाई पटटी की लंबाई 2.7 किलोमीटर होगी। अभी यहां मिटटी का ही रनवे है। अभी तक यहां से अपाचे, चिनूक और MI-17 जैसे हेलिकॉप्टरों का ही संचालन किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल तैनात जवानों की रसद पहुंचाने में किया जा रहा है। विवाद के बाद भारत चीन की 19 राउंड की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी कोई ठोस हल नहीं निकाला है। ऐसे में एलएसी पर पकड़ बनाए रखने में यह बेस मददगार होगा।
-Big Development
-Work on Ladakh's Nyoma ALG upgrade to a full #IndianAirForce base commences
-35 Km from LAC, Nyoma had 1st aircraft landing in 2009, an AN-32
-With upgrade Rafale, Sukhoi-30MKI & Tejas would be able to operate from this base#AtmanirbharBharat pic.twitter.com/w8qULE7IG1— Insightful Geopolitics (@InsightGL) August 25, 2023
इस एयरबेस का पूरा काम तीन चरण में किया जाएगा। इस पर कुल 230 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सबसे पहले चरण में हवाई पट्टी का विस्तार, दूसरे चरण में हैंगर का निर्माण और तीसरे चरण में बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके अलावा इसके अलावा न्योमा, फुकचे और दौलत बेग ओल्डी में वायुसेना के ALG हैं। LAC से दौलत बेग ओल्डी की दूरी 9 किलोमीटर, न्योमा की 35 किलोमीटर और फुकचे की 14 किलोमीटर है।