वतन वापसी पर पूर्व नौसैनिक ने बयां किया दर्द, कहा- PM मोदी अगर न होते, तो घर लौटना मुश्किल था

कतर में कई महीनों की कैद के बाद भारत लौटने के बाद पूर्व नौसैनिकों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए. साथ ही पीएम मोदी की जमकर तारीफ की. पूर्व नौसैनिकों ने कहा कि अगर मोदी सरकार की ओर से उनकी रिहाई के लिए निरंतर राजनयिक प्रयास न किए गए होते तो उन्हें रिहा नहीं किया गया होता. भारत सरकार की ओर से लगातार राजनयिक हस्तक्षेप और कानूनी सहायता के बाद पहले उनकी मौत की सजा को जेल की सजा में बदला गया. अब उन्हें रिहा कर दिया गया है, जिसके बाद वे भारत लौट आए हैं.

कतर की ओर से रिहा किए जाने के बाद 8 में से 7 पूर्व नौसैनिक सोमवार यानी आज तड़के दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए, एक पूर्व नौसैनिक ने कहा कि आखिरकार सुरक्षित और स्वस्थ घर वापस आकर मुझे राहत और खुशी महसूस हो रही है. मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं. अगर मोदी सरकार ने हमारी रिहाई के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप न किया होता, तो वतन लौटना मुश्किल था. मैं कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी को भी धन्यवाद देता हूं.

राहत भरी मुस्कान और शांत भाव के साथ एयरपोर्ट पर मौजूद एक अन्य पूर्व नौसेना अधिकारी ने ANI से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बिना हम रिहा नहीं होते. अगर उनके अथक प्रयास नहीं होते तो हम आज आपके सामने खड़े नहीं होते. हमें रिहा कराने के लिए पीएम मोदी और भारत सरकार का धन्यवाद. एक अन्य रिहा हुए नौसैनिक ने भी अपनी रिहाई सुनिश्चित करने में केंद्र के हस्तक्षेप की प्रशंसा की.

उन्होंने कहा कि घर पर हमारे चिंतित परिवार के सदस्य, लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे. ये सब इसलिए सफल हुआ क्योंकि पीएम मोदी ने इस मामले में व्यक्तिगत हस्तक्षेप किया. उन्होंने हमारे मामले को कतर सरकार के उच्चतम स्तर तक उठाया और अंततः हमारी रिहाई सुनिश्चित की. मेरे पास उनके और कतर के अमीर के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं हैं.

एक अन्य पूर्व नौसेना अधिकारी ने ANI से बातचीत में कहा कि हम वापस आकर बहुत खुश हैं और यह संभव नहीं होता, अगर प्रधानमंत्री मोदी ने मामले में व्यक्तिगत रुचि नहीं ली होती. हमें भारत में अपने परिजन के पास वापस आने के लिए लगभग 18 महीने का इंतजार करना पड़ा. इससे पहले, सोमवार को विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के आठ अधिकारियों की रिहाई के बारे में जानकारी साझा की थी.

पूर्व नौसैनिकों के चिंतित परिजनों की ओर से उनकी रिहाई और उनकी सुरक्षित वतन वापसी की गुहार के बीच विदेश मंत्रालय (एमईए) ने आश्वासन दिया था कि हमारी ओर से सभी प्रयास किए जा रहे हैं और उन्हें वापस लाने के लिए कानूनी सहायता की व्यवस्था भी की गई है.

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार यानी आज जानकारी दी कि आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों में से सात पहले ही भारत लौट चुके हैं. केंद्र सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कतर सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भारत सरकार दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है, जिन्हें कतर में हिरासत में लिया गया था. उनमें से आठ में से सात भारत लौट आए हैं. हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं.

8 भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से कतर में कैद थे और उन पर जासूसी का आरोप लगाया गया था. सेवानिवृत्त नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद भारत की ओर से हस्तक्षेप के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कतरी अदालत ने डहरा ग्लोबल मामले में पिछले साल गिरफ्तार किए गए आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारियों की मौत की सजा को कम कर दिया है. सजा को अब जेल की शर्तों में बदल दिया गया है.

फैसले के बारे में बताते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था कि मामले में विस्तृत फैसले का इंतजार है और हम कतर में कानूनी टीम के साथ निकट संपर्क में है. हम मामले की शुरुआत से ही भारतीयों के परिजन के साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम इस मामले को कतरी अधिकारियों के साथ भी उठाना जारी रखेंगे.

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