राजसत्ता एक्सप्रेस। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव और उपचार के लिए हर कोई अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है। कोविड-19 की वैक्सीन बनाने का भी काम जारी है। इस बीच जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने गठिया की दवा से कोरोना का इलाज करने का दावा कर सभी को हैरान कर दिया है। विषाणु विज्ञान के विशेषज्ञ डॉक्टर मुकेश का कहना है कि गठिया की दवा से कोरोना का इलाज किया जा सकता है। उन्होंने ये दावा शुरुआती प्रयोगों में मिली की सफलता के आधार किया है।
जानकारी के मुताबिक, उनकी अगुवाई वाली टीम ने इस दवा का कोरोना संक्रमित व्यक्ति की कोशिकाओं पर प्रयोग किया है, जो कि सफल भी रहा है। डॉ. मुकेश के प्रयोग पर आधारित रिसर्च कुछ दिन पहले पेपर में भी प्रकाशित हुई थी। जिसमें कहा गया कि रूमेटाइड आर्थराइटिस या गठिया के रोग में इलाज के लिए दी जाने वाली दवा औरानोफिन कोरोना संक्रमित मरीज की कोशिकाओं में मौजूद कोविड-19 वायरस के संक्रमण को 95 फीसदी तक खत्म कर सकती हैं। ऐसा करने में इस दवा को महज 48 घंटे लगेंगे। इस दवा का टेस्ट उनकी टीम द्वारा दोनों जानवरों और इंसानों पर एक साथ किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इसके अंतिम परिणाम आने में एक से दो महीने लगेंगे।
बता दें कि डॉ. मुकेश कुमार मूल रूप से हरियाणा के सिरसा के रहने वाले हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के पशु चिकित्सा महाविद्यालय से विषाणु विज्ञान में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है। डॉक्टर मुकेश ने जिस दवा से कोरोना का इलाज करने का दावा किया है, उसकी खोज 1985 में की गई थी। उनका मानना है कि कोरोना के इलाज में औरानोफिन कारगर साबित हो सकती है, क्योंकि ये स्वर्ण तत्वों से बनी है। उन्होंने बताया कि इसके परीक्षण की शुरुआत फरवरी में की गई थी। उनका मानना है कि कोरोना के संक्रमण से केवल दो ही तरीकों से बचा जा सकता है, एक वैक्सीन विकसित करना और दूसरा मौजूदा दवाओं में कारगर दवा की खोज करके संक्रमितों का इलाज करना।