इंडियन रेलवे, यात्रियों की ओर से आई शिकायतों पर गौर करते हुए कोच के टॉयलेट्स और स्टेशनों को बदबू से मुक्त करने की तैयारी में जुटा है. रेलवे बोर्ड ने बदबूदार ट्रेनों और स्टेशन परिसरों पर बड़ी संख्या में मिल रही शिकायतों पर चिंता जताई है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब भारतीय रेलवे की ट्रेनें और स्टेशन बदबूदार नहीं रहेंगे?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन रेलवे इन दिनों ट्रेनों और स्टेशनों में दुर्गंध की समस्या से निपटने के लिए नई तकनीकों और समाधानों की खोज कर रहा है. हाल ही में एक बैठक में रेलवे के सीनियर अधिकारियों ने रेल ‘मदद ऐप’ से मिली शिकायतों पर चर्चा की. सीनियर सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि रेलवे बोर्ड ने दुर्गंध डिटेक्टरों के लिए नई IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) बेस्ड टेक्निक के टेस्टिंग करने की सिफारिश की है.
मुंबई स्थित स्टार्टअप विलिसो टेक्नोलॉजीज को इस प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है. टेक्नोलॉजी की प्रभावशीलता का आकलन करने और ऑनबोर्ड हाउसकीपिंग सेवाओं की निगरानी के लिए चुनिंदा कोचों (एलएचबी और आईसीएफ डिजाइन) में इसकी टेस्टिंग की जाएगी.
नई टेक्नोलॉजी के अलावा, सफाई के लिए यूज किए जाने वाले कैमिकल्स को भी नया रूप दिया जाएगा. रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों, प्लेटफार्मों और रेलवे ऑफिस में बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया से निपटने के लिए डिंपल केमिकल्स एंड सर्विसेज के क्लिनिंग प्रोडक्ट क्लोनन कॉन्संट्रेट पर गौर करने की सिफारिश की है.
इसके अलावा, इंडियन रेलवे अपने यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए पानी की उचित और समुचित व्यवस्था करने पर भी विचार कर रहा है. रिपोर्ट में यात्रियों की अधिक संख्या के कारण ट्रेनों में पानी की बढ़ती खपत पर जोर दिया गया. इसका उद्देश्य ट्रेनों में सफर के दौरान टॉयलेट और वॉशबेसिन में पानी की कमी की समस्या को दूर करना है.