शुक्रवार को विदेशी मुद्रा बाजार में एक दिलचस्प मोड़ देखने को मिला, जब भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले जबरदस्त मजबूती के साथ उभरा। ग्लोबल ट्रेड टेंशन के बीच भारत ने न केवल अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखा, बल्कि डॉलर पर ऐसा दबाव बनाया कि अमेरिकी एक्सपर्ट्स तक हैरान रह गए।
डॉलर के मुकाबले चढ़ा भारत
भारतीय करेंसी ने सप्ताह के आखिरी दिन 25 पैसे की छलांग लगाकर 85.08 के स्तर को छू लिया। इसका सबसे बड़ा कारण बना भारत-अमेरिका के बीच बढ़ता व्यापारिक भरोसा और विदेशी निवेशकों की भारत में लगातार हो रही एंट्री। अमेरिकी व्यापार सचिव की यह टिप्पणी कि भारत पहला देश हो सकता है जो व्यापार शुल्क समझौते पर दस्तखत करेगा, बाजार को एक बड़ा पॉजिटिव सिग्नल दे गया।
रुपया दिखा रहा है मजबूती के संकेत
लगातार दूसरे दिन भारतीय रुपया मजबूती के रास्ते पर रहा। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज में शुक्रवार को रुपया 85.17 पर खुला और दिन में इसका उच्चतम स्तर 85.08 रहा। पिछले दिन भी रुपये ने डॉलर के मुकाबले 12 पैसे की बढ़त दर्ज की थी। सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पबारी का कहना है कि घरेलू इकोनॉमी की मजबूत नींव के बावजूद, वैश्विक भू-राजनीतिक संकट और डॉलर की मजबूती के चलते रुपये पर थोड़ा दबाव रह सकता है। हालांकि, तकनीकी स्तर पर 85.20 पर सपोर्ट और 85.60 पर रेजिस्टेंस दिखाई दे रहा है, जो आने वाले दिनों में ट्रेंड को तय कर सकता है।
अमेरिका और भारत की बढ़ती नजदीकी
अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने यह संभावना जताई है कि भारत जल्द ही अमेरिका के साथ बाइलेटरल ट्रेड डील साइन कर सकता है, जिससे भारत ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ के भारी बोझ से बच सकता है। अभी अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 26% शुल्क को 90 दिनों के लिए होल्ड पर रखा है, जो जुलाई में खत्म होगा।
डॉलर इंडेक्स और ग्लोबल मार्केट की हलचल
हालांकि डॉलर इंडेक्स में हल्की तेजी देखने को मिली है और यह 0.38% उछलकर 99.75 पर पहुंच गया है, लेकिन यह रुपया पर ज्यादा असर नहीं डाल पाया। उधर इंटरनेशनल ऑयल मार्केट में ब्रेंट क्रूड 0.54% चढ़कर 66.91 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है, जो भारत के लिए थोड़ा चिंताजनक संकेत हो सकता है।
शेयर बाजार में गिरावट, लेकिन निवेशकों का भरोसा बरकरार
जहां करेंसी मार्केट में पॉजिटिव वाइब्स दिखीं, वहीं शेयर बाजार में थोड़ी कमजोरी नजर आई। बीएसई सेंसेक्स 1200 अंकों की गिरावट के साथ 78,605 पर आ गया और निफ्टी में भी करीब 400 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। फिर भी, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को 8,250 करोड़ रुपये की जबरदस्त खरीदारी की, जो भारतीय बाजार में उनके भरोसे को दर्शाता है।
भारत की आर्थिक स्थिरता का प्रतीक है चढ़ता रुपया
रुपये की यह मजबूती सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक स्थिरता और वैश्विक भरोसे का प्रमाण है। जिस तरह से अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्ते गहराते जा रहे हैं और विदेशी निवेशकों का झुकाव बढ़ रहा है, उससे लगता है कि आने वाले दिनों में भारतीय मुद्रा एक नई ऊंचाई छू सकती है।