नई दिल्ली: कांग्रस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को मोदी सरकार पर दलित-विरोधी होने का आरोप लगाया, जिसपर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को पहले दलितों के साथ ‘दयाभाव और संवेदनापूर्ण’ व्यवहार करना बंद करना चाहिए. राहुल ने जंतर मंतर में दलित समुदाय द्वारा आयोजित एक रैली में कहा, “अगर मोदीजी के दिल में दलितों के लिए जगह होती, तो दलितों के लिए बनाई गई नीतियां अलग होतीं.”
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राहुल ने कहा कि जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने एक किताब में लिखा था कि ‘दलितों को सफाई करने में आनंद मिलता है.’कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “यह उनकी (मोदीजी) विचारधारा है.”उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम को कांग्रेस सरकार लाई थी, जब उनके पिता राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे.
उन्होंने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के चेयरमैन के रूप में न्यायमूर्ति ए.के. गोयल की नियुक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा, “लेकिन, मोदीजी ने इसे कमजोर करने की इजाजत दी और जिस न्यायाधीश ने इस अधिनियम को कमजोर करने के आदेश दिए, उसे पदोन्नति दी गई.”
न्यायमूर्ति गोयल और न्यायमूर्ति यू.यू. ललित ने 20 मार्च को अपने आदेश में इस अधिनियम के राजनीतिक या निजी कारणों के लिए दुरुपयोग करने का हवाला दिया था. दोनों न्यायाधीश ने अधिनियम के प्रावधान को हल्का करने का आदेश दिया था और कहा था कि आगे से इस अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज होने पर गिरफ्तारी से पहले प्रारंभिक जांच करनी होगी और अग्रिम जमानत भी दी जा सकेगी.
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दलितों ने इस आदेश का व्यापक विरोध किया. न्यायमूर्ति गोयल 6 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए और उसी दिन उन्हें एनजीटी का चेयरमैन बनाया गया.सरकार ने हालांकि 1989 के अधिनियम में संशोधन किया, जिसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया गया और आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधानों को बहाल कर दिया गया. यह संशोधन लोकसभा में मंगलवार को पास हुआ.
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राहुल ने अपने भाषण में कहा कि यह देश में दलितों के हितों की रक्षा के लिए काफी नहीं है.उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी भाजपा सरकार में है, वहां दलितों को ‘पीटा गया है और दबाया गया है.’उन्होंने कहा, “हम ऐसा भारत नहीं बनाना चाहते हैं जहां दलितों को कुचला जाए. हम ऐसा भारत चाहते हैं जहां सभी आगे बढ़ें.”राहुल ने कहा, “उनकी (मोदी की) सोच दलित-विरोधी है..पूरा देश उनके, भाजपा और आरएसएस के खिलाफ उठ खड़ा होगा.”
उधर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, “राहुलजी, जब आपको संसद को बाधित करने और वहां आंख मारने से फुर्सत मिल जाए तो कुछ समय तथ्यों को भी दीजिए. राजग सरकार ने कैबिनेट के निर्णय और संसद के माध्यम से अधिनियिम में मजबूत संशोधन किया है. आप वहां क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं?”
Rahul Ji, when you are free from winking and disrupting Parliament, give some time to facts as well.
NDA Government, through a Cabinet decision and in Parliament ensured the strongest amendment to the Act.
Why are you protesting that? https://t.co/Ik2Jq1Krny
— Amit Shah (@AmitShah) August 9, 2018
Would have been good if Congress President would have spoken about his Party’s treatment towards Dr. Babasaheb Ambedkar, Babu Jagjivan Ram and Sitaram Kesari.
Congress way of treating Dalits is patronising and condescending. For years Congress insulted Dalit aspirations.
— Amit Shah (@AmitShah) August 9, 2018
Is it a co-incidence that the year Mrs. Sonia Gandhi joined the Congress, the Third Front-Congress Government opposed reservations in promotions and the year Rahul Gandhi becomes Congress President they oppose a tough SC/ SCT Act and OBC Commission! Anti-backward mindset visible.
— Amit Shah (@AmitShah) August 9, 2018
उन्होंने कहा, “यह अच्छा होता अगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर, बाबू जगजीवन राम और सीताराम येचुरी के साथ किए व्यवहार के बारे में बोलते. कांग्रेस दलितों के साथ दयाभाव से और संवेदना के साथ व्यवहार करती है. वर्षो से कांग्रेस ने दलित की आकांक्षाओं का अपमान किया है.”