झांसी: भारतीय जनता पार्टी और अयोध्या आंदोलन की मुखर नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अपने चुनाव न लड़ने के पीछे जो कारण बताया वह किसी नाराजगी का नहीं बल्कि महान लोगों की प्रेरणा का प्रेरक है। उमा ने कहा है कि मार्क्सवादी क्रांतिकारी चे ग्वेरा, भगवान हनुमान और मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी से प्रभावित होकर उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में नहीं उतरने का निर्णय लिया है। उमा भारती ने बताया, ‘अपने जीवन में मैं तीन लोगों से बहुत प्रभावित रही हूं। पहले हनुमानजी, दूसरे चे ग्वेरा और तीसरे शिवाजी।
चे जीते और वह क्यूबा के दिवंगत नेता फिदेल कास्त्रो के साथ थे। तभी उन्हें अचानक एहसास हुआ कि एक और देश उनका इंतजार कर रहा है। उन्होंने सत्ता त्याग दी। वह दूसरे देश जाकर लड़े और वहां उनकी मौत हो गई। हनुमान भी एक मिसाल हैं। उन्होंने जीवनभर संघर्ष किया और फिर भगवान राम के चरणों में आकर बैठ गए।’
झांसी से वर्तमान सांसद उमा भारती ने कहा, ‘मैं आडवाणीजी से भी प्रभावित हूं।’ उमा ने झांसी से भाजपा कैंडिडेट और एक आयुर्वेदिक फर्म के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुराग शर्मा के लिए प्रचार करते हुए यह बयान दिया। उमा भारती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। उमा ने कहा कि वह दोनों नेताओं की प्रशंसक हैं और योगी, पीएम मोदी का युवा रूप हैं। उमा ने कहा कि गंगा के पुनर्जीवन के लिए उन्होंने इस बार चुनाव से ब्रेक लिया है। हालांकि 2022 में उन्होंने दोबारा लड़ने की संभावना को खारिज नहीं किया।
उमा ने कहा, ‘एक दिन अमित शाहजी ने सार्वजनिक रूप से ऐलान किया था कि मैं (उमा भारती) चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा की उपाध्यक्ष बनूंगी। मैं अभी 59 साल की हूं और अगले पांच साल गंगा को पुनर्जीवित करने में लगाना चाहती हूं।’ मालूम हो कि राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रहीं उमा भारती की अगुआई में भाजपा ने 2003 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा था और भारी जीत हासिल की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में उमा झांसी लोकसभा सीट से निर्वाचित हुई थीं।