नई दिल्ली: आस्था को आधार बनाकर लोगों के विश्वास के साथ खेलना आसान है. न केवल कोई एक निर्धारित धर्म बल्कि लगभग हर धर्म इस समस्या से जूझ रहा है जिसमें अंधी आस्था और श्रद्धा की बिनाह पर गुनाहों को अंजाम दे दिया जाता है. वहीं धर्म का चोगा ओढ़े इन गुनेहगारों के बच निकलने के आसार भी ज्यादा होते हैं.
जिस तरह भारत में राम रहीम, आसाराम आस्था का सहारा लेते हुए सालों अपने गुनाहों को छुपाए रहे ऐसे ही कुछ हालातों से आयरलैंड भी जूझ रहा है.
यौन शोषण के शिकार हुए लोगों से मिलेंगे पोप फ्रांसिस
कैथलिक चर्च के नियमों को आधार मानते हुए चलने वाले आयरलैंड में हजारों ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें चर्च के पादरियों ने बच्चों का शारीरिक शोषण किया है. आयरलैंड बाल यौन शोषण की खबरों को लेकर चर्चा में है इसकी एक वजह ये भी है कि वैटिकन सिटी के पोप फ्रांसिस, रोमन कैथलिक चर्च के समारोह में हिस्सा लेंगे जिसमें वो पादरियों द्वारा यौन शोषण का शिकार हुए बच्चों से भी मिलेंगे.
दरअसल सोमवार को अमेरिका में आधारित एक ग्रुप बाईशोप अकाउंटेबिलिटी द्वारा एक लिस्ट जारी की गई है जिसमें आयरलैंड में हुए बाल यौन शोषण से जुड़े मामलों की जानकारी दी गई है. इस ग्रुप द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हजार से भी ज्यादा ऐसे मामले हैं जिनमें 300 से ज्यादा पादरियों ने बच्चों का यौन शोषण किया है.
कई रिपोर्टस के मुताबिक बाल यौन शोषण से जुड़े मामलों के 99 प्रतिशत आरोपियों को सजा नही मिल पाती है. बाईशोप अकाउंटेबिलिटी की सुची में कई पादरियों के नामों सहित उन पर लगे आरोपों की जानकारियां दी गई हैं. इसके साथ जिन पर आरोप साबित हो पाए और जिन्हें सजा मिली उनकी जानकारी भी ग्रुप द्वारा मुहैया करवाई गई है.
गुनेहगार पादरियों को नही मिलती है सजा
रिपोर्ट में ब्रेंडन स्मिथ नाम के पादरी का जिक्र है जो 40 सालों तक 143 बच्चों का यौन शोषण करने को दोषी था. ब्रेंडन को 1994 में सजा सुनाई गई थी जिसके बाद तीन साल पहले जेल में सजा काटते हुए उसकी मौत हो गई थी.
लिस्ट में दूसरा नाम हेनरी मैलोनी का है जिस पर 1969 से लेकर 1973 तक डबलिन के एक स्कूल में छोटे लड़कों के साथ शारीरिक दुष्कर्म के आरोप लगे थे. हालांकि आरोप लगने के बाद उसका तबादला दूसरे स्कूल में कर दिया था लेकिन उसके बावजूद उसने अपनी घिनौनी हरकत नही छोड़ी. हेनरी मैलोनी को 2009 में सजा दी गई.
आस्था और धर्म के कारण इन लोगों पर कार्रवाई नही होती है, इस बात को साबित करने वाले आंकड़े भी रिपोर्ट में जो बताते हैं कि 3425 आरोपों में से केवल 82 मामलों पर ही कार्रवाई हो पाई है जो बहुत ही कम है.
न केवल आयरलैंड बल्कि कई देशों में पादरियों द्वारा किए गए शारीरिक शोषण पर आवाजें उठने लगी हैं वेबसाइट ने कुछ समय पहले अमेरिका, चिले और अर्जेंटिना में पादरियों द्वारा किए गए यौन शोषण के आंकड़े भी जारी किए थे.
धर्म का पैगाम दुनिया को देने वाले इन पादरियों के नाम एक देश (वैटिकन सिटी) बनाकर समर्पित किया गया है तो क्या वैटिकन की ये जिम्मेदारी नही बनती कि वो इन मामलों पर कार्रवाई को बढ़ावा दे. हालांकि वर्तमान वैटिकन सिटी के प्रमुख पोप फ्रांसिस ने एक पत्र में इन घटनाओं की आलोचना की है लेकिन क्या सिर्फ आलोचना कर देना काफी है.