भारत के इस शहर में जड़ें जमाने में जुटा है ISIS

आईएसआईएस

कोलकाता: पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुके आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) पश्चिम बंगाल में भी अपनी जड़ें जमाने में जुटा हुआ है। हाल में पटना से गिरफ्तार किए गए दो आतंकियों से पूछताछ में यह पता चला है कि बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकियों ने ना केवल एशियाई प्रायद्वीप में आईएसआईएस के आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की जिम्मेदारी संभाली है बल्कि भारत के अन्य हिस्से में भी आतंकी वारदातों को अंजाम देने में जुटे हैं।

बांग्लादेश से भागकर आने वाले आतंकी कोलकाता एवं आसपास के क्षेत्रों में अपना ठिकाना बना रहे हैं। राज्य के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि चूंकि पश्चिम बंगाल बांग्लादेश की सीमा से सटा है इसलिए बांग्लादेश से भागकर आने वाले आतंकी कोलकाता एवं आसपास के क्षेत्रों में अपना ठिकाना बना रहे हैं और यहां रहकर ना सिर्फ नए-नए आतंकियों की भर्ती कर रहे हैं बल्कि जम्मू-कश्मीर समेत देश के अन्य हिस्से में आतंकी वारदातों की ब्लू प्रिंट भी तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पटना पुलिस के हाथों गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस के दो आतंकी- खैरुल मंडल और अबू सुल्तान ने कोलकाता को अपना ठिकाना बनाया था। दोनों को पटना स्टेशन के पास से इसी सप्ताह पटना पुलिस की एटीएस ने गिरफ्तार किया था। इनके पश्चिम बंगाल कनेक्शन की जानकारी मिलने के बाद कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स की टीम उनसे पूछताछ के लिए पटना गई है।

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इन दोनों आतंकियों का संबंध बांग्लादेश के कुख्यात आतंकी सरगना बोमारू मीजान उर्फ कौशर से रहा है। कई बार दोनों बांग्लादेश जाकर उससे मिल भी चुके हैं और उसके निर्देश पर आतंकी गतिविधियों का ब्लू प्रिंट तैयार कर उसे अंजाम देने की फिराक में थे। गिरफ्तार दोनों आतंकी बांग्लादेश के झिनाइदह जिला अंतर्गत महेशपुर थाना क्षेत्र के चांपातला गांव के रहने वाले हैं। वे प्रतिबंधित आतंकी संगठन जेएमबी से जुड़े हैं। दोनों ने अवैध तरीके से सीमा पार कर पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया था और कोलकाता को अपना ठिकाना बनाया था। इनके पास से पुलवामा आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सेना की तैनाती से संबंधित कुछ दस्तावेज भी मिले हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वे जम्मू-कश्मीर में सेना पर और हमले की योजना बना रहे थे।

यह भी पता चला है कि कोलकाता के बाबूघाट से अंतरराज्यीय बस में बैठकर ये आतंकी बिहार के गया जिले में गए थे। इनके पास से बस का टिकट भी बरामद हुआ है। उसके बाद ये पटना गए थे और वहां से दिल्ली पहुंचे और वहां से हावड़ा आए थे। पटना और कोलकाता के बीच की यात्रा से संबंधित दस्तावेज सुरक्षा एजेंसियों ने बरामद किए हैं। पश्चिम बंगाल की एटीएस को संदेह है कि कई जगहों पर इन लोगों ने आईएसआईएस का स्लीपर सेल भी तैयार कर रखा है। इनके पास से कुछ ऐसे पोस्टर मिले हैं जिसमें आईएसआईएस के स्लोगन लिखे हुए हैं। खास बात यह है कि ये पोस्टर बांग्ला और अंग्रेजी में हैं।

एसटीएफ के मुताबिक पश्चिम बंगाल की सीमा से 10 से अधिक जेएमबी आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन आतंकियों की बोधगया विस्फोट में संलिप्तता रही है और पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड एवं अन्य सीमावर्ती राज्यों में आतंक का नेटवर्क स्थापित करते रहे हैं। अब जब इस बात का खुलासा हो गया है कि जेएमबी के आतंकी ही आईएसआईएस के लिए भी काम कर रहे हैं तो यह साफ हो गया है कि पश्चिम बंगाल में भी आईएसआईएस अपनी जड़ें जमा रहा है। एसटीएफ ने पिछले साल जनवरी में कोलकाता से मूसा नाम के आईएसआईएस आतंकी को गिरफ्तार किया था।

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