‘अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स’ से जुड़े सैकड़ों यहूदी पुरुषों ने बृहस्पतिवार को करीब दो घंटे तक मध्य इजराइल का एक प्रमुख राजमार्ग बंद रखा। प्रदर्शनकारियों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल में समुदाय के युवाओं के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य किए जाने के फैसले के खिलाफ विरोध जताया। इजराइल में अधिकतर यहूदी पुरुषों और महिलाओं के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है लेकिन राजनीतिक रूप से शक्तिशाली ‘अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स’ दलों को इस नियम से छूट दी जाती थी और उन्हें अपने धार्मिक शिक्षण संस्थानों में अध्ययन की अनुमति होती है।
लोगों में है गुस्सा
लंबे समय से दी जा रही छूट ज्यादातार लोगों के बीच असंतोष का कारण बनी हुई थी और आठ महीने से गाजा में हमास के खिलाफ जारी युद्ध के दौरान लोगों में गुस्सा और भी बढ़ गया है। युद्ध में अब तक 600 से ज्यादा सैनिकों की मौत हो चुकी है और हजारों की संख्या में रिजर्व सैनिकों को सेना में शामिल किया गया, जिस कारण उनके करियर, व्यवसाय और पारिवारिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
सड़क पर लेट गए प्रदर्शनकारी
प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी राजमार्ग पर बैठ गए और सड़क पर लेट गए। हालांकि, पुलिस ने उन्हें उठाकर किनारे कर दिया। घोड़े पर सवार अधिकारी प्रदर्शनकारियों पर टूट पड़े। कई प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं, जिनपर लिखा था, ” जेल जाएंगे! सेना में नहीं।”
कोर्ट ने क्या कहा
‘अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स’ से जुड़े एक युवक ने कहा, ”हम सभी यहां सिर्फ एक मकसद से जमा हुए हैं, हम ‘ऑर्थोडॉक्स’ से जुड़े सभी लोग अपने रुख को दर्शाना चाहते हैं।” उन्होंने कहा, ”ऑर्थोडॉक्स’ से जुड़े सभी लोग जेल जाना पसंद करेंगे, सेना में नहीं।” इजराइल के उच्चतम न्यायालय ने इस सप्ताह फैसला सुनाया कि सेना को ‘अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स’ से जुड़े लोगों को सैन्य सेवा में भर्ती करना शुरू कर देना चाहिए। न्यायालय ने कहा था कि छूट देने का प्रावधान असमानता का प्रतीक है.