भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO ने श्रीहरिकोटा से SSLVD3EOS08 मिशन की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान को सफलतापूर्वक पूरा किया है. रॉकेट ने EOS08 सैटेलाइट को सटीक रूप से उसकी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया, ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने पुष्टि की कि इंजेक्शन परिस्थितियों में कोई विचलन नहीं हुआ.इसरो ने डी 3 के जरिए भू प्रेक्षण उपग्रह ईओएस08 का प्रक्षेपण किया. इसरो ने भू प्रेक्षण और एसआरओ डेमोसैट उपग्रहों को उनकी निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया.
एलवी-डी3-ईओएस-08 मिशन के प्रमुख उद्देश्य
रॉकेट को पूर्व निर्धारित समयानुसार सुबह नौ बजकर 17 मिनट पर चेन्नई से लगभग 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया गया. एक सूक्ष्म उपग्रह का डिजाइन तैयार करना और उसे विकसित करना तथा सूक्ष्म उपग्रह के अनुरूप पेलोड उपकरण बनाना एलवीडी3ईओएस08 मिशन के प्रमुख उद्देश्यों में शामिल है.
यह उपलब्धि भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि SSLV विकास प्रक्रिया अब आधिकारिक तौर पर पूर्ण हो चुकी है.इसके लिए SSLVD3 टीम के समर्पित प्रयासों और प्रतिबद्धता के लिए बधाई भी दी गई है.
आईओआईआर पेलोड को तस्वीरें खींचने के लिए तैयार
माइक्रोसैटआईएमएस1 पर निर्मित ईओएस08 तीन पेलोड ‘इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड’ ईओआईआर, ‘ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टमरिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड’ जीएनएसएसआर और ‘एसआईसी यूवी डोसिमीटर’ को लेकर गया है. आईओआईआर पेलोड को तस्वीरें खींचने के लिए तैयार किया गया है.
इसके साथ ही जीएनएसएसआर पेलोड समुद्री सतह की हवा का विश्लेषण, मृदा नमी आकलन, हिमालयी क्षेत्र में ‘क्रायोस्फेयर’ अध्ययन, बाढ़ का पता लगाने और जल निकायों का पता लगाने आदि के लिए जीएनएसएसआरआधारित रिमोट सेंसिंग का उपयोग करने की क्षमता को प्रदर्शित करता है. ‘एसआईसी यूवी डोसिमीटर’ गगनयान मिशन में ‘क्रू मॉड्यूल’ के ‘व्यूपोर्ट’ पर यूवी विकिरण पर नजर रखेगा और गामा विकिरण के लिए अलार्म सेंसर का काम करता है.