कड़वे प्रवचन वाले जैन मुनि का निधन, कान पकड़ कर माफ़ी मांगनी पड़ी थी ददलानी को

नई दिल्ली: नई दिल्ली: जैन मुनि तरुण सागर का शनिवार को सुबह 51 साल की उम्र में निधन हो गया. जैन मुनि लंबे समय से बीमार चल रहे थे. पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में स्थित राधापुरी जैन मंदिर में सुबह करीब 3 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. यूं तरुण सागर दिगंबर जैन मुनियों में अकेले ऐसे संत थे जिनकी सभी समुदायों में लोकप्रियता थी। इसकी वजह उनका अंदाज था, जिसे वो खुद भी ‘कड़वे प्रवचन’ कहते थे। वह ऐसे संत नहीं थे जो सिर्फ ब्रह्म और पारलौकिक बातें करके नश्वर संसार लोगों को विरक्त होने की प्रेरणा भर देते हैं। तरुण सागर बहुत सीधे और सपाट अंदाज में समस्त सांसारिक विषयों पर ज्ञान देते थे। तरुण सागर जी की बेबाकी की वजह से कई विवाद भी उनके साथ जुड़े, इनमें हरियाणा विधानसभा में दिया गया प्रवचन और उसपर हुई राजनीति काफी सुर्ख़ियों में रही।

हरियाणा विधानसभा में दिए प्रवचनों से शुरू हुआ विवाद

दरअसल अगस्त 2016 में जैन मुनी तरुण सागर को हरियाणा विधानसभा में प्रवचन देने के लिए बुलाया गया था जिसमें उन्होने कई ऐसी बातें कही थी जिन पर जमकर विवाद औऱ बहस हुई थी.

हरियाणा विधानसभा में जैनमुनी ने कहा था, “राजनीति पर धर्म का अंकुश जरूरी है. धर्म पति है राजनीति पत्नी है. हर पति की ये ड्यूटी होती है कि वो अपनी पत्नी को संरक्षण दे, हर पत्नी का धर्म है कि वो पति के अनुशासन को स्वीकार करे.”

उन्होने पति-पत्नी का उदाहरण देते हुए कहा था कि यदि राजनीति पर धर्म का अंकुश न हो तो वो मस्त मग्न हाथी की तरह हो जाती है. उनके इस उदाहरण में महिलाओं को जिस संदर्भ में पेश किया गया उस पर लिबरेल तबकों में जमकर बहस हुई थी.

इसके अलावा भ्रूण हत्या पर दिए गए उनके बयान ने भी खूब चर्चाएं बटोरी थी. विधानसभा में भ्रूण हत्या के मामले में बात करते हुए जैन मूनी ने कहा था ये बड़ी समस्या है जिसके कारण रेप जैसे अपराध होते हैं. इस बयान के जरिए उन्होने समाज में औरतों की कमी को रेप की वजह बताया था.

विशाल ददलानी को कान पकड़ कर मांगनी पड़ी थी माफी

हरियाणा विधानसभा में उनके प्रवचन को लेकर बॉलीवुड सिंगर विशाल ददलानी ने आपत्तिजनक ट्वीट कर दिया था. जिसमें ददलानी ने कुछ ऐसा लिख दिया जो जैनमुनि के निर्वस्त्र रहने पर अपमानजनक टिपण्णी जैसा था. ददलानी आम आदमी पार्टी के सक्रिय समर्थक भी हैं. लिहाजा आम आदमी पार्टी सीधे सीधे जैन समुदाय के निशाने पर आ गयी. पहले तो अरविन्द केजरीवाल ने अपने कैबिनेट सहयोगी सत्येंद्र जैन के जरिए माफ़ी मंगवाकर जैन मुनि को शांत करने की कोशिश की थी. लेकिन उससे भी बात नहीं बनी. ददलानी के खिलाफ जैन समुदाय की भावनाएं मुकदमा दर्ज हो गया. अंततः विशाल ददलानी ने खुद दिल्ली आकर उनके सामने हाथ जोड़कर, सर झुकाकर और कान पकड़कर माफी मांगी तब जाकर वो गिरफ्तारी से बच पाए.

दरअसल अपने ट्वीट में विशाल ददलानी ने जैन मुनी की हरियाणा विधानसभा में भाषण देते हुए फोटो के साथ लिखा था कि यदि आपने इन जैसे लोगों को वोट दिया है तो आप ऐसी बकवास सुनने के लिए जिम्मेदार हैं.

 

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