भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तुर्की के समकक्ष मेवलुत कावुसोग्लू के साथ साइप्रस मसले पर बातचीत की। इस बातचीत के चंद घंटे बाद ही तुर्की के प्रेसिडेंट एर्दोगन ने यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली में अपनी स्पीच के दौैरान कश्मीर का मसला उठा दिया।
फिर क्या था हिंदुस्तान ने भी तुर्की के उस कमजोर बिंदु को उजागर कर दिया जिसे वह हमेशा टालने की कोशिश में रहता है यानी साइप्रस का मसला। साइप्रस का मसला तुर्की के लिए हमेशा से सिरदर्द रहा है जिस पर वह जवाब देने से दूर भागता रहता है।
साइप्रस का मसला क्या है ? और एस जयशंकर ने कैसे उठाया मुद्दा
इंडिया के फॉरेन मिनिस्टर एस. जयशंकर ने असेंबली की मीटिंग के बाद बुधवार यानी बीते कल एक बार फिर से तुर्की के फॉरेन मिनिस्टर मेवलुत कावुसोग्लू के साथ मीटिंग की। बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्री ने एक ट्वीट कर लिखा कि यूक्रेन युद्ध, खाद्य सुरक्षा, G-20 प्रक्रियाओं, ग्लोबल व्यवस्था, नॉन -अलीगेंड मूवमेंट और साइप्रस मसले को लेकर चर्चा हुई। हमने साइप्रस मुद्दे पर हल को लेकर जानकारी ली।
Met FM @MevlutCavusoglu of Türkiye on sidelines of #UNGA.
Wide ranging conversation that covered the Ukraine conflict, food security, G20 processes, global order, NAM and Cyprus. pic.twitter.com/AsEYO22tKn
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 21, 2022