भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर 24 से 29 दिसंबर तक अमेरिका दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइकल वाल्ट्ज से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की।
एस जयशंकर और माइकल वाल्ट्ज की मुलाकात से भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर नई दिशा मिलने की संभावना जताई जा रही है। जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस मुलाकात का जिक्र करते हुए लिखा, “माइकल वाल्ट्ज से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमने दोनों देशों के बीच साझेदारी और दुनिया के मौजूदा मुद्दों पर चर्चा की। मैं उनके साथ काम करने के लिए उत्साहित हूं।”
माइकल वाल्ट्ज का भारत के प्रति समर्पण और अनुभव
माइकल वाल्ट्ज को अमेरिकी संसद में भारतीय मामलों के प्रबल समर्थक के तौर पर जाना जाता है। वह फ्लोरिडा से रिपब्लिकन पार्टी के सांसद रह चुके हैं और ‘कांग्रेशनल इंडिया कॉकस’ के सह-अध्यक्ष भी रहे हैं। यही नहीं, पिछले साल अगस्त में उन्होंने भारत में अमेरिकी संसद के प्रतिनिधिमंडल का सह-नेतृत्व किया था और लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी हिस्सा लिया था।
यह मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि वाल्ट्ज के पास भारत से संबंधित कई मुद्दों पर गहरी समझ है। उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में भारत के हित में कई विधेयकों का समर्थन किया है और भारत के साथ रिश्तों को हमेशा प्राथमिकता दी है। अब वह ट्रंप प्रशासन में NSA के रूप में इस साझेदारी को और मजबूती देने की दिशा में काम करेंगे।
भारत-अमेरिका साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे जयशंकर
जयशंकर ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान भारतीय दूतावास और महावाणिज्य दूतावासों के साथ दो महत्वपूर्ण दिनों तक सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस चर्चा से उन्हें पूरा विश्वास है कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी को और अधिक मजबूत किया जाएगा। भारत और अमेरिका के बीच के रिश्ते बीते कुछ सालों में बहुत मजबूत हुए हैं और दोनों देशों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि वैश्विक राजनीति में बदलाव आ रहे हैं।
जयशंकर ने इस दौरान यह भी कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के बाद कई देशों को अमेरिका की नीतियों को लेकर चिंता है, लेकिन भारत इसके विपरीत अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को और बढ़ाने के लिए उत्सुक है।
राष्ट्रपति ट्रंप को मोदी की कॉल: भारत की अहमियत को स्वीकार करते हुए जयशंकर का बयान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से चुनाव के बाद अपनी पहली कॉल की थी, जो भारत और अमेरिका के रिश्तों की अहमियत को दर्शाता है। जयशंकर के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप को की गई यह कॉल दोनों देशों के बीच गहरे विश्वास और सहयोग का प्रतीक है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका के बीच मौजूदा साझेदारी का स्तर पहले से कहीं अधिक मजबूत हुआ है और दोनों देशों के बीच सहयोग हर क्षेत्र में बढ़ रहा है। वैश्विक मुद्दों पर भी दोनों देशों की नीतियों का मेल है और इस बार की मुलाकात से यह साफ हो गया कि यह साझेदारी भविष्य में और भी सशक्त होगी।
जयशंकर और वाल्ट्ज के बीच हुई चर्चा का महत्व
इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों की विस्तार से चर्चा की, बल्कि वैश्विक चुनौतियों और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और वैश्विक स्थिरता के मुद्दे पर दोनों देशों की नीतियों में गहरी समानताएं हैं।
भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद, रक्षा, व्यापार, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दों पर साझेदारी को और बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इन मुद्दों पर दोनों देशों के बीच नए समझौतों और सहयोग की संभावनाएं खुल सकती हैं।
जयशंकर की यात्रा के वैश्विक प्रभाव
जयशंकर की अमेरिका यात्रा को वैश्विक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत और अमेरिका की साझेदारी दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच मजबूत होने की दिशा में एक और कदम है। यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को सिर्फ आर्थिक या कूटनीतिक स्तर पर नहीं, बल्कि व्यापक वैश्विक सहयोग के स्तर पर भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में है।
भारत और अमेरिका के रिश्ते केवल व्यापार या सैन्य सहयोग तक सीमित नहीं हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी गहरे संबंध हैं। इस यात्रा के दौरान किए गए समझौतों और विचार-विमर्श से भविष्य में दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा मिल सकती है।