महबूबा मुफ्ती का बयान
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब तक दोनों देश एक साथ बैठकर बातचीत नहीं करेंगे, तब तक जम्मू-कश्मीर के लोगों को ऐसे हमलों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि “कश्मीर में लोग, उनकी जिंदगी, संपत्ति सब तबाह हो रही है। बाहर से आए मजदूर भी इसके शिकार हो रहे हैं।” मुफ्ती ने उस डॉक्टर की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि वह एक नेक इंसान थे, जो लोगों की सेवा करते थे। इस प्रकार के हमलों से केवल जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि पूरे देश को खतरा है।
बातचीत का महत्व
महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा कि “दोनों देशों के बीच जब तक जंग रहेगी, जम्मू-कश्मीर के लोग परेशान रहेंगे। हर कोई चाहता है कि हमें युद्ध से छुटकारा मिले।” उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों देशों को मिलकर बातचीत करनी चाहिए, ताकि जम्मू-कश्मीर के लोग इस हिंसा और खूनखराबे से बाहर निकल सकें और शांति के साथ रह सकें।
सामाजिक मीडिया पर विवाद
महबूबा मुफ्ती ने इससे पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा था कि सोनमर्ग में हुए हमले के बाद स्थानीय प्रशासन गैर-स्थानीय मजदूरों पर घाटी छोड़ने का दबाव बना रहा है। उन्होंने इसे एक समाधान नहीं बताया और कहा कि इससे केवल कठिनाइयां बढ़ेंगी। मुफ्ती ने चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाई से कश्मीरियों के खिलाफ दूसरे राज्यों में आक्रोश फैल सकता है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की प्रतिक्रिया
हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने महबूबा मुफ्ती के आरोपों का खंडन किया है। आईजी वीके बिर्दी ने कहा कि सोशल मीडिया पर फैली खबरें झूठी हैं और स्थानीय प्रशासन ने किसी गैर-स्थानीय श्रमिक को घाटी छोड़ने के लिए नहीं कहा। उन्होंने जनता से अपील की कि ऐसी गलत सूचनाओं पर ध्यान न दें।